सार
सिंगापुर (Singapore) की शीर्ष अदालत ने भारतीय मूल के दो लोगों को ड्रग्स तस्करी मामले में बरी कर दिया है। इनमें से एक को मौत और दूसरे को उम्रकैद तथा 15 बेंत मारने की सजा मिली थी।
सिंगापुर। सिंगापुर की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को भारतीय मूल के दो लोगों (सिंगापुर के नागरिक 40 वर्षीय राज कुमार अय्याचामी और 41 साल के मलेशियाई रामदास पुन्नुसामी) को ड्रग्स तस्करी मामले में बरी कर दिया। राज कुमार अय्याचामी को हाईकोर्ट से मौत की सजा मिली थी। वहीं, रामदास पुन्नुसामी को उम्रकैद और 15 बेंत मारने की सजा मिली थी।
दोनों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सिंगापुर की कोर्ट ऑफ अपील में याचिका लगाई थी। मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। दोनों ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि पैकेट में कौन का ड्रग्स है। दोनों को 1.875 किलो गांजा का पैकेट मिलने के मामले में सजा मिली थी।
सिंगापुर की केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों ने 21 सितंबर 2015 को देखा था कि रामदास ने बैग राज कुमार को दिया। राज कुमार के वकील रमेश तिवारी ने कोर्ट में कहा कि यह सच है कि रामदास ने राज कुमार को बैग दिया था, लेकिन यह एक गलत डिलीवरी थी। राज कुमार को पता नहीं था कि बैग में क्या है।
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तंबाकू का किया था ऑर्डर
राज कुमार ने सिंथेटिक केमिकल वाले तंबाकू का ऑर्डर दिया था। इसे बटरफ्लाई के रूप में जाना जाता है। इससे गांजा जैसा नशा होता है। राज कुमार इसे लेने गए थे, लेकिन उन्हें बटरफ्लाई के बदले गांजा का पैकेट मिल गया। वहीं, रामदास ने यह स्वीकार किया कि उसने राज कुमार को बैग दिया था। उसने कहा कि मुझे पता नहीं था कि बैग में कौन का मादक पदार्थ है। रामदास ने बताया कि उसे कहा गया था कि ट्रक में तंबाकू के चार पैकेट हैं, जिनकी डिलिवरी करनी है। बता दें कि जून 2020 में दोनों को सिंगापुर के हाईकोर्ट ने दोषी करार दिया था। ट्रायल जज ने राज कुमार की इस बात पर विश्वास नहीं किया था कि उसने बटरफ्लाई का ऑर्डर दिया था। जज ने रामदास के सबूतों को भी खारिज कर दिया था।
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