ज्योतिष शास्त्र (Astrology) से हम ग्रहों के अशुभ होने से भविष्य में हो सकने वाली बीमारियों (Disease) के बारे में जान सकते हैं, जैसे कैंसर (Cancer) जैसे भयानक रोग की उत्पत्ति में कौन-कौन से ग्रहों का प्रभाव रहता है इसे जाना जा सकता है। पहचान के साथ-साथ यह भी मालूम किया जा सकता है कि कैंसर (cancer) रोग किस अवस्था में होगा तथा उसके कारण मृत्यु आयेगी या नहीं, यह सभी ज्योतिष विधि द्वारा जाना जा सकता है। साथ ही समय रहते प्रतिकूल ग्रहों को मंत्र जाप एवं अन्य उपायों के द्वारा शांत कर इस रोग से बचा भी जा सकता है।
वैदिक ज्योतिष में अनेक योगों का वर्णन मिलता है, इनमें सात संख्या योग काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल यह योग सात प्रकार से बनता है और सभी का अलग-अलग नाम होता है, लेकिन समग्र रूप से इसे सात संख्या योग कहा जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली के अनेक शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है। कुछ योगों के कारण व्यक्ति को बिना कुछ किए ही सभी सुख-सुविधाएं मिल जाती हैं ऐसे ही 3 शुभ योग हैं रज्जू, मूसल और नल।
वैदिक ज्योतिष के हजारों योगों में से सर्प और माला योग भी अत्यंत चर्चित योग हैं। ये दोनों एक-दूसरे के विपरीत ग्रह स्थितियां होने पर बनते हैं। इनका प्रभाव भी बिलकुल विपरीत होता है।
वैदिक ज्योतिष कुंडली के अनुसार सातवां घर 12 भावों में से एक बहुत महत्वपूर्ण भाव है। इस भाव से विवाह और दांपत्य जीवन से जुड़ी बातों पर विचार किया जाता है। इस घर में अगर पाप ग्रह हो या पाप ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो तो वैवाहिक सुख में कमी आ सकती है।
इस साल 4 नवंबर को करवा चौथ पर 4 राजयोग सहित करीब आधा दर्जन शुभ योग बन रहे हैं। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि इससे पहले करवा चौथ पर इतने शुभ योग पिछले 100 सालों में नहीं बने
इस बार 18 से 25 जून के बीच ग्रहों की दुर्लभ स्थिति बन रही है, क्योंकि इस दौरान एक साथ 6 ग्रह वक्री रहेंगे।
पिछले 4 दिनों में ग्रहों की स्थितियों में बदलाव आया है। ऐसा बहुत देखने में आता है कि 4 दिनों के अंतराल में 4 बड़े ग्रहों की स्थितियों बदल जाएं।
ज्योतिष में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु, ये नौ ग्रह बताए गए हैं। इन ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण ही हमारे जीवन में परेशानियां आती हैं।
महाशिवरात्रि पर्व 21 फरवरी को त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी में मनाया जाएगा। इस बार करीब 59 साल बाद ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है।