ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद से मध्यप्रदेश की कमलनाथ संकट में आ गई है। सिंधिया के इस कदम ने 1967 की याद दिला दी। जब सिंधिया की दादी राजमाता विजयराजे ने कांग्रेस की सरकार एक झटके में गिरा दी थी।
सिंधिया के इस्तीफे वालें ट्वीट को भी मात्र 10 मिनट में 30 हजार से ज्यादा लोगों ने रीट्वीट किया है। इसके साथ ही होली के माहौल को देखते हुए, सोशल मीडिया यूजर इस पूरे मामले पर कई मजेदार मीम शेयर कर रहे हैं।
कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को लिखा, डियर मिसेज गांधी, 18 साल से कांग्रेस का सदस्य होने के बाद यह समय अब मेरे लिए आगे बढ़ने का है। मैं कांग्रेस की अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
हालांकि सिंधिया ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने जो त्यागपत्र साझा किया है, उस पर नौ मार्च की तिथि है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण सिंधिया को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने को स्वीकृति प्रदान की।"
पूर्व केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री रह चुके कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के उस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है
इस मामले को लेकर जब मीडिया ने उनसे सवाल किया तो मंत्री जी ने कहा-मैं तो सिंधियाजी का सेवक हूं। इसलिए उनके परिवार की चरण वंदना करता हूं। मुझे तो उनके पैर पड़ने में खुशी होती है। इसमें किसी को क्या आपत्ति होती है।
पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी को बड़ी नसीहत देते हुए कहा है कि कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत है। आपको बता दें कि खुर्शीद ने बुधवार को कहा था कि पार्टी की मौजूदा स्थिति देखकर चिंता होती है। साथ ही कहा था कि हमारी सबसे बड़ी समस्या यह है कि हमारे नेता राहुल गांधी ने हमें छोड़ दिया।
अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के फैसले पर कांग्रेस में खुलकर मतभेद सामने आए। जहां एक ओर पार्टी के वरिष्ट नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम, मनीष तिवारी और अधीर रंजन चौधरी ने सरकार के फैसले का विरोध किया।
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद राहुल गांधी की नाराजगी के चलते पार्टी में लगातार इस्तीफे हो रहे हैं। इसमें अब ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी जुड़ गया है। उन्होंने महासचिव पद छोड़ दिया है।