गलवान घाटी में हालात को सुधारने की लगातार कोशिश की जा रही है। भारतीय सैन्य अधिकारी चीन के साथ पहले जैसी स्थिति बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। पिछले एक महीने में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सोमवार को भी कोर कमांडर के स्तर पर बैठक हुई, जो बताया जा रहा है कि करीब 11 घंटे तक चली है।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस विवाद में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद खबर ये भी आई थी कि मेजर समेत 10 जवानों को चीन ने बंधक बना लिया था, हांलांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया था।
चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को अपने वेबसाइट पर एक प्रेस नोट जारी करते हुए दावा किया कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की तरफ है। प्रेस नोट में दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की दूसरी बैठक जल्द से जल्द करवाने की बात भी कही गई है।
GOC 15 कॉर्प्स लेफ्टिनेंट जनरल बग्गावल्ली सोमशेखर राजू कहते हैं कि पिछले 24 घंटों में दो ऑपरेशन में हमने 8 आतंकवादी मार गिराए। मस्जिद के साथ में जहां हमने 3 आतंकवादी मारे, वहां सुरक्षा बलों ने ये सुनिश्चित किया कि मस्जिद को कोई नुकसान न हो।
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भी सोमवार को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत के साथ झड़प की पुष्टि तो की है, मगर आधिकारिक तौर पर सैनिकों के मारे जाने की जानकारी नहीं दी।
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाएं कुछ पीछे हट गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना 2 किमी और भारतीय सेना अपनी जगह से 1 किमी पीछे हटी है। वहीं, दोनों देशों के बीच 6 जून को सैन्य अफसरों की बैठक होनी है।
भारतीय सेना ने उन सभी रिपोर्ट्स को बेबुनियाद बताया है, जिसमें कहा जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों ने आर्मी के गश्त दलों को बंधक बना लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स में अब भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि सैनिकों को बंधक बनाने वाली खबर सच नहीं है।
पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 2008 में मुंबई में हमला किया था। इस हमले के बाद कुछ ऐसी घटनाएं भी हुईं, जिनके चलते भारतीय सेना की खुफिया एजेंसी को काफी नुकसान उठाना पड़ा। सुमोना चक्रवर्ती नाम की यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इस घटना का खुलासा किया है।
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए भारतीय सेना ने बड़ा कदम उठाया है। भारकीय सेना ने एहतिहातन तौर पर जवानों को ग्रीन, येलो और रेड कैटेगरी में बांटने का फैसला किया है। यह कैटेगरी इसलिए बनाई गईं हैं, ताकि जवान कोरोना की चपेट में ना आएं।
नेटफ्लिक्स पर गैरजरूरी हिंदू विरोधी कंटेंट दिखाने की प्रवृत्ति को नियंत्रित किया जाना चाहिए।