Karva Chauth 2022: करवा चौथ पर श्रीगणेश के साथ-साथ चंद्रमा और चौथ माता की पूजा भी जाती है। ये तीनों देवी-देवता वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं। इसलिए ये महिलाओं के सबसे प्रिय त्योहारो में से एक है।
हर सुहागिन करवा चौथ का व्रत अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। लेकिन वही पति उसकी हत्या कर दे वो भी करवा चौथ के दिन। राजस्थान के जयपुर में ऐसा ही हुआ है। जहां एक हैवान पति ने करवाचौथ के दिन हुए इस जघन्य हत्याकांड अंजाम दिया।
करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत करती हैं। चांद को देखने के बाद पति के हाथों अपने व्रत को खोलती हैं। लेकिन मथुरा और हरियाणा में ऐसे गांव हैं जहां करवा चौथ नहीं मनाया जाता है। यहां इस व्रत का नाम सुनते ही महिलाएं डर जाती हैं।आइए बताते हैं इन गांवों के बारे में और क्यों महिलाएं नहीं करती पति की लंबी आयु वाले इस व्रत को।
करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन महिला के लिए बहुत खास होता है और उन महिलाओं के लिए तो विशेष तौर पर जो पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही है। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि कैसे आपको पहले करवा चौथ पर व्रत रखना चाहिए।
Ahoi Ashtami 2022: इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर, सोमवार को किया जाएगा। महिलाएं ये व्रत संतान की लंबी उम्र के लिए करती हैं। ये व्रत वैसे तो पूरे देश में किया जाता है, लेकिन उत्तर भारत में मुख्य तौर इस व्रत की मान्यता है।
करवा चौथ का व्रत हर महिला के लिए बेहद खास होता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं और इसे कभी भी छोड़ती नहीं है। लेकिन अगर प्रेगनेंसी के दौरान यह व्रत आ गया, तो इसे कैसे करना चाहिए यह हम आपको बताते हैं।
17 महीने तक अपने पति की डेड बॉडी के साथ यह महिला रहती रही। उसके नाम का सिंदूर लगाया, करवा चौथ का व्रत भी रखा। लेकिन जब खुलासा हुआ तो कोयले से बदतर हो गई थी डेड बॉडी।
Kartik month 2022: हिंदू पंचांग का आठवां महीना कार्तिक 10 अक्टूबर, सोमवार से 8 नवंबर, मंगलवार तक रहेगा। इस महीने में कई बड़े व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। कार्तिक मास में नदी स्नान करने की परंपरा भी है।
Papankusha Ekadashi 2022 Puja Vidhi: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की एकादशी पर व्रत-पूजा की जाती है। इस तरह साल में 24 एकादशी आती है। इन सभी का नाम और महत्व अलग-अलग है।
Navratri 2022 Parana Shubh Muhurat: नवरात्रि के दौरान उपवास रखने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर इच्छा पूरी करती हैं। नवरात्रि के अंतिम दिन या अगले दिन व्रत का पारणा किया जाता है।