14 मई 2022, दिन शनिवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 03.23 तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन नृसिंह चतुर्दशी का पर्व भी मनाया जाएगा।
13 मई 2022, दिन शुक्रवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी शाम 5.30 तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शुक्र प्रदोष का व्रत किया जाएगा।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा (Chhath Puja 2021) की जाती है। वैसे तो ये उत्सव पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन मुख्य रूप से ये उत्सव बिहार, उत्तर प्रदेश व झारखंड में किया जाता है। इस बार ये व्रत 10 नवंबर, बुधवार को है।
हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रत किए जाते हैं। इनमें से प्रदोष व्रत भी एक है। ये व्रत प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी पर किया जाता है। इस प्रकार एक महीने में 2 और एक साल में 24 प्रदोष व्रत करने की परंपरा है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। ये तिथि अलग-अलग वारों के साथ मिलकर विभिन्न योग बनाती है।
30 मई 2022, दिन सोमवार को ज्येष्ठ मास अमावस्या तिथि शाम 5 बजे तक रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रात अंत तक रहेगी। इस दिन सूर्योदय कृत्तिका नक्षत्र में होगा, जो सुबह 07.12 तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
पंचांग के माध्यम से आप आसानी से हर दिन के शुभ मुहूर्त, राहु काल व ग्रहों के परिवर्तन के बारे में जान सकते हैं। पंचांग में आज कौन-सी तिथि और नक्षत्र तथा उनसे बनने वाले शुभ-अशुभ योगों की जानकारी भी दी जा सकती है। ये जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।