सार

14 मई 2022, दिन शनिवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 03.23 तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन नृसिंह चतुर्दशी का पर्व भी मनाया जाएगा।
 

उज्जैन. हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य मुहूर्त देखकर भी किया जाता है। ये प्राचीन परंपरा है जो आज भी निभाई जाती है। मुहूर्त देखने के लिए या तो किसी ज्योतिषी से सलाह ली जाती है फिर पंचांग के माध्यम से शुभ मुहूर्त देखा जाता है। हमारे देश में कई तरह के पंचांग प्रचलन में है, लेकिन इन सभी विक्रम पंचांग सबसे प्रमुख माना जाता है। उसी के आधार पर वर्ष, महीने, सवंत्सर आदि के बारे में जाना जा सकता है। पंचांग वैदिक काल से ही सनातन धर्म में काल गणना का एक प्रमुख अंग रहा है। ग्रह- नक्षत्रों से संबंधित पूरी जानकारी भी पंचांग से पता की जा सकती है। ज्योतिषियों के अनुसार हर साल का नया पंचांग बनाया जाता है, लेकिन ये अंग्रेजी कैलेंडर पर आधारित न होकर हिंदू नववर्ष पर आधारित होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है, इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…

14 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 14 May 2022)
14 मई 2022, दिन शनिवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 03.23 तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन नृसिंह चतुर्दशी का पर्व भी मनाया जाएगा। शनिवार को सूर्योदय चित्रा नक्षत्र में होगा, जो दोपहर 4 बजे तक रहेगा। इसके बाद स्वाती नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शनिवार को पहले चित्रा नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और उसके बाद स्वाती नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल सुबह 09:06 से 10:45 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

14 मई को नृसिंह चतुर्दशी 
14 मई, शनिवार को नृसिंह चतुर्दशी होने से इस दिन भगवान नृसिंह की पूजा और व्रत करने का विशेष महत्व रहेगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने इसी तिथि पर नृसिंह रूप में अवतार लेकर दैत्य हिरण्यकशिपु का वध किया था। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान नृसिंह की विधि-विधान से पूजा करने पर किसी भी तरह का डर नहीं रहता और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन प्रमुख नृसिंह मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। 

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
शनिवार को चंद्रमा राशि बदलकर कन्या से तुला में आ जाएगा, बुध ग्रह वृषभ राशि में वक्री अवस्था में रहते हुए अस्त रहेगा। मंगल और शनि कुंभ राशि में, सूर्य और राहु मेष राशि में, शुक्र और गुरु मीन राशि में, केतु तुला राशि में रहेगा। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।

14 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- वैशाख
पक्ष- शुक्ल
दिन- शनिवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- चित्रा और स्वाती
करण- तैतिल और गर
सूर्योदय - 05:50 AM
सूर्यास्त - 06:56 PM
चन्द्रोदय - 05:12 PM
चन्द्रास्त - 04:56 AM 
अभिजीत मुहूर्त- 11:57 AM-12:49 PM

14 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 2:01 PM – 3:39 PM
कुलिक - 5:50 AM – 7:28 AM
दुर्मुहूर्त - 07:35 AM – 08:27 AM
वर्ज्यम् - 10:37 PM – 12:06 AM

ग्रहों से शुभ फल पाने के लिए इन मंत्रों का जाप करें…
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारे सौर मंडल में 9 ग्रह हैं जो प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हमें प्रभावित करते हैं। इन ग्रहों से शुभ फल पाने के लिए अनेक उपाय किए जाते हैं। लाल किताब के अनुसार, इन सभी ग्रहों के कुछ खास मंत्र है। इन मंत्रों का जाप करने से इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है। जानिए ग्रहों के मंत्र…
सूर्य मंत्र - ऊँ सूर्याय नम:
चंद्र मंत्र - ऊँ सोमाय नम:
मंगल मंत्र - ऊँ भौमाय नम:
बुध मंत्र - ऊँ बुधाय नम:
गुरु मंत्र - ऊँ बृहस्पतये नम:
शुक्र मंत्र - ऊँ शुक्राय नम:
शनि मंत्र - ऊँ शनैश्चराय नम:
राहु मंत्र - ऊँ राहवे नम: