सार

30 मई 2022, दिन सोमवार को ज्येष्ठ मास अमावस्या तिथि शाम 5 बजे तक रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रात अंत तक रहेगी। इस दिन सूर्योदय कृत्तिका नक्षत्र में होगा, जो सुबह 07.12 तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
 

उज्जैन. पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष में प्रथम तिथि प्रतिपदा कहलाती है। दूसरी तिथि को द्वितिया, तीसरी तिथि को तृतीया और इसी क्रम में चलते हुए अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहते हैं। कृष्ण पक्ष की शुरुआत भी प्रतिपदा से होती है। कृष्ण पक्ष में, द्वितीया तिथि दूसरी तिथि है, तृतीया तिथि तीसरी और अंतिम तिथि अमावस्या है। जिन ग्रंथों से हमारे पंचांग बनते हैं वे कम से कम 500 वर्ष पुराने हैं। पंचांग में महीने का हिसाब सूर्य व चंद्रमा की गति पर रखा जाता है। भारतीय गणना पद्धति के अनुसार सूर्य वर्ष 365 दिन और 6 घंटे का होता है, वहीं चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। हमारे  देश में लगभग 30 प्रकार के पंचांग प्रचलित हैं। तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण, इन पांच अंगों के योग से पंचांग बनता है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

30 मई को 3 पर्व एक साथ
इस बार 30 मई को ज्येष्ठ मास की अमावस्या है। इस दिन शनि जयंती और वट सावित्री व्रत किया जाता है। इस बार अमावस्या तिथि सोमवार को होने से इस दिन सोमवती अमावस्या का योग भी बन रहा है। इस दिन एक ही दिन में तीन व्रत-उत्सव होने से ये ये तिथि बहुत ही खास हो गई है। सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि, बुधादित्य, सुकर्मा, वर्धमान और केदार नाम के 5 शुभ योग बन रहे हैं, वहीं वृषभ राशि में सूर्य और बुध के होने से बुधादित्य नाम का राजयोग भी इस दिन बन रहा है। 

30 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 30 May 2022)
30 मई 2022, दिन सोमवार को ज्येष्ठ मास अमावस्या तिथि शाम 5 बजे तक रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रात अंत तक रहेगी। इस दिन सूर्योदय कृत्तिका नक्षत्र में होगा, जो सुबह 07.12 तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। सोमवार की सुबह पहले कृत्तिका नक्षत्र होने से स्थिर और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र होने से वर्धमान नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि नाम का एक अन्य शुभ योग भी बन रहा है। इस दिन राहुकाल सुबह 07:24 से 09:04 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
सोमवार को चंद्रमा, सूर्य और बुध वृष राशि में रहेंगे। इस दिन राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल, गुरु और शु्क्र मीन में, शनि कुंभ राशि में रहेंगे। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि मजबूरी में यात्रा करनी पड़े तो शीशे में अपना चेहरा देखकर या कोई भी पुष्प खा कर घर से निकलना चाहिए।

30 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- कृष्ण
दिन- सोमवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- कृ्त्तिका और रोहिणी
करण- नाग और किस्तुघन
सूर्योदय - 05:45 AM
सूर्यास्त - 07:03 PM
चन्द्रोदय - 05:21 AM
चन्द्रास्त -  07:10 PM 
अभिजीत मुहूर्त - 11:57 AM : 12:50 PM

30 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 10:44 AM – 12:24 PM
कुलिक - 2:04 PM – 3:44 PM
दुर्मुहूर्त - 12:50 PM – 01:44 PM और 03:30 PM – 04:23 PM
वर्ज्यम् - 01:05 AM – 02:52 AM

चंद्रमा का प्रिय नक्षत्र है रोहिणी
रोहिणी नक्षत्र मंडल का चौथा नक्षत्र है। इसे चंद्रमा का प्रिय नक्षत्र माना जाता है। इसी नक्षत्र में होने से चंद्रमा शुभ फल प्रदान करता है। रोहिणी नक्षत्र में घी, दूध, रत्न का दान करने का नियम है। यह कृत्तिका नक्षत्र के पूर्व में दक्षिण भाग में दिखता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव काफी कोमल और विनम्र होता है। इसी स्वभाव के कारण यह अपने दुश्मनों की भी मदद के लिए आगे रहते हैं और किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटते।