Aaj Ka Panchang: 18 सितंबर, रविवार को पहले मृगशिरा नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग और उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा इस दिन सिद्धि और व्यातिपात नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।
Mahalaxmi Vrat 2022 Puja Vidhi:हिंदू धर्म में कई ऐसे व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, जिसमें धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसा ही एक व्रत है महालक्ष्मी व्रत। इस व्रत में हाथी पर बैठी देवी लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
21 जून 2022, मंगलवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये तिथि 28 मार्च, सोमवार को है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है, इसलिए इसे पापमोचनी एकादशी कहते हैं।
Aaj Ka Panchang: 21 दिसंबर 2022, बुधवार को बुध प्रदोष और शिव चतुर्दशी का व्रत किया जाएगा। इस दिन पहले विशाखा नक्षत्र होने से प्रजापति और बाद में अनुराधा नक्षत्र होने से सौम्य नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। राहुकाल दोपहर 12:24 से 01:44 तक रहेगा।
Sankashti Chaturthi 2022:हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम से पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा जरूर की जाती है। श्रीगणेश की कृपा पाने के लिए कई व्रत और उत्सवों का भी विधान बनाया गया है। इनमें से कुछ व्रत हर महीने में किए जाते हैं।
Aaj Ka Panchang: 22 नवंबर मंगलवार को स्वाती नक्षत्र दिन भर रहेगा। मंगलवार को स्वाती नक्षत्र होने से ध्वज नाम का शुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा सौभाग्य और शोभन नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
Chhath Puja 2022: छठ पूजा उत्तर भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस व्रत में मुख्य रूप से सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा की जाती है। इस दौरान लाखों व्रती (व्रत करने वाले) श्रद्धापूर्वक कठोर नियमों का पालन करते हुए व्रत-उपवास करते हैं।
Shukra Pradosh 2022: इस बार 23 सितंबर, शुक्रवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि होने से प्रदोष व्रत किया जाएगा। ये व्रत शुक्रवार को होने से शुक्र प्रदोष कहलाएगा। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है।
1 अगस्त 2022 श्रावण शुक्ल चतुर्थी तिथि है। इस दिन दूर्वा गणपति का पर्व मनाया जाएगा। सोमवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से ध्वज और उसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं।