धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। ये तिथि अलग-अलग वारों के साथ मिलकर विभिन्न योग बनाती है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है और प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि (Shiv Chaturdashi June 2022) का पर्व मनाया जाता है।
30 मई 2022, दिन सोमवार को ज्येष्ठ मास अमावस्या तिथि शाम 5 बजे तक रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रात अंत तक रहेगी। इस दिन सूर्योदय कृत्तिका नक्षत्र में होगा, जो सुबह 07.12 तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
26 मई 2022, दिन गुरुवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी। इसे अचला एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाएगी।
पंचांग के माध्यम से आप आसानी से हर दिन के शुभ मुहूर्त, राहु काल व ग्रहों के परिवर्तन के बारे में जान सकते हैं। पंचांग में आज कौन-सी तिथि और नक्षत्र तथा उनसे बनने वाले शुभ-अशुभ योगों की जानकारी भी दी जा सकती है। ये जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है।
Aaj Ka Panchang: 11 दिसंबर 2022, रविवार को पहले पुनर्वसु नक्षत्र होने से ध्वजा और पुष्य नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग इस दिन बनेंगे। इनके अलावा सर्वार्थसिद्धि, रवि पुष्य, ब्रह्म और इंद्र नाम के 4 अन्य शुभ योग भी इस दिन बनेंगे।
6 अक्टूबर, गुरुवार को धनिष्ठा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा शूल और गंड नाम के योग भी इस दिन बन रहे हैं। राहुकाल दोपहर 01:42 से 03:10 तक रहेगा।
Vinayaki Chaturthi 2022: भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य भी कहा जाता है यानी हर शुभ काम से पहले इनकी ही पूजा की जाती है। मान्यता है कि श्रीगणेश की पूजा से हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Shattila Ekadashi 2023: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस बार ये तिथि 18 जनवरी, बुधवार को है। इस दिन तिल का उपयोग विशेष रूप से 6 कामों में किया जाता है। इसलिए इसे षटतिला एकादशी कहते हैं।
Skanda Shashti 2022: धर्म ग्रंथों में भगवान शिव के दो पुत्रों के बारे में बताया गय है, ये हैं कार्तिकेय और श्रीगणेश। कार्तिकेय को स्कंद के नाम से भी जाना जाता है। इनकी पूजा पौष शुक्ल षष्ठी तिथि पर विशेष रूप से की जाती है।