सार

इन दिनों सावन (Sawan) का पवित्र महीना चल रहा है, जो 22 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में शिव पूजा का विशेष महत्व पुराणों में बताया गया है। धर्म ग्रंथों के अनुसार सावन (Sawan) में पार्थिव (मिट्‌टी) लिंग बनाकर शिव पूजन का विशेष पुण्य मिलता है। शिवपुराण (Shivpuran) में भी इसका उल्लेख है। पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से हमारी कई समस्याओं का निदान हो सकता है और मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं। आगे जानिए पार्थिव शिवलिंग पूजा से जुड़ी खास बातें...

उज्जैन. पार्थिव शिवलिंग (Shivling) की पूजा करने से धन-धान्य, आरोग्य और पुत्र की प्राप्ति होती है। वहीं मानसिक और शारीरिक कष्ट भी दूर हो जाते हैं।

इस विधि से करें पार्थिव शिवलिंग पूजन
- पार्थिव पूजन करने से पहले पार्थिव शिवलिंग (Shivling) बनाइए। इसको बनाने के लिए किसी पवित्र नदी या तालाब की मिट्टी लें।
फिर उस मिट्टी को पुष्प चंदन इत्यादि से शोधित करें। मिट्टी में दूध मिलाकर शोधन करें। फिर शिव मंत्र बोलते हुए उस मिट्टी  से शिवलिंग बनाने की क्रिया शुरू करें।
- पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह रखकर शिवलिंग बनाना चाहिए। पार्थिव शिवलिंग का निर्माण मिट्टी, गाय का गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म मिलाकर किया जाता है।
- शिवलिंग (Shivling) के निर्माण में इस बात का ध्यान रखें कि यह 12 अंगुल से ऊंचा नहीं हो। इससे अधिक ऊंचा होने पर पूजन का पुण्य प्राप्त नहीं होता है।
- मनोकामना पूर्ति के लिए शिवलिंग पर प्रसाद चढ़ाना चाहिए। इस बात का ध्यान रहे कि जो प्रसाद शिवलिंग से स्पर्श कर जाए, उसे ग्रहण न करें।

पार्थिव शिवलिंग (Shivling) पूजा का महत्व
- पार्थिव शिवलिंग की पूजा से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। शिवजी की अराधना के लिए पार्थिव पूजन सभी लोग कर सकते हैं, फिर चाहे वह पुरुष हो या फिर महिला।
- यह सभी जानते हैं कि शिव कल्याणकारी हैं। जो पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधिवत पूजन अर्चना करता है, वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है।
- शिवपुराण (Shivpuran) में लिखा है कि पार्थिव पूजन सभी दुःखों को दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है।
- यदि प्रति दिन पार्थिव पूजन किया जाए तो इस लोक तथा परलोक में भी अखण्ड शिव भक्ति मिलती है।
- पार्थिव शिवलिंग के सामने समस्त शिव मंत्रों का जाप किया जा सकता है। रोग से पीड़ित लोग महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

सावन मास के बारे में ये भी पढ़ें

Sawan: रतलाम के इस शिव मंदिर को कहा जाता है 13वां ज्योतिर्लिंग, इस मंदिर की बनावट भी है खास

Sawan: किस स्थान पर बैठकर तथा किस दिन की गई शिव पूजा से क्या फल मिलता है?

देवी पार्वती, मार्कंडेय ऋषि और समुद्र मंथन से जुड़ा है सावन का महत्व, इसका हर दिन है एक उत्सव

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है काशी विश्वनाथ, सावन में घर बैठे देंखे यहां की आरती

बिल्व पत्र अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं महादेव, इसे चढ़ाते समय रखें इन बातों का ध्यान