सार
सावन में की गई शिव पूजा से पापों का नाश होता है और परेशानियों से मुक्ति मिलती है, ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है। शिव पूजा से जुड़े अनेक नियम व मान्यताएं हिंदू धर्म में प्रचलित हैं।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, सावन में अलग-अलग स्थानों पर की गई शिव पूजा से मनचाही सफलता मिलती है, साथ ही अलग-अलग वारों की शिव पूजा करने का भी खास महत्व है। आगे जानिए इससे जुड़ी खास बातें…
सावन में शिव पूजा के लिए खास जगह
- स्कंद और शिवमहापुराण के मुताबिक सावन में तुलसी, पीपल या बरगद के पेड़ के पास बैठकर शिव पूजा करने का विधान है।
- साथ ही नदी, तालाब या समुद्र किनारे बैठकर की गई शिव पूजा का पूरा फल जल्दी ही मिलता है।
- इनके अलावा किसी मंदिर, गुरु आश्रम, तीर्थ या धार्मिक स्थल पर की गई शिव पूजा को भी पूर्ण माना गया है।
- ग्रंथों में ये भी बताया गया है कि किसी कारण इन जगहों पर शिव पूजा न भी हो पाए तो घर पर की गई पूजा का भी उतना ही फल मिलता है।
सावन में शिव पूजा के दिन और उनका फल
सावन महीने का हर दिन अपने आप में खास होता है। इस महीने में सोमवार से रविवार तक यानी हर दिन शिव पूजा का अपना अलग महत्व है। ग्रंथों में कहा गया है कि सावन महीने का हर दिन पर्व होता है। इसलिए…
- रविवार को की गई शिव पूजा से पाप नाश होता है।
- सोमवार को शिव पूजा करने से धन लाभ होता है।
- मंगलवार को की गई शिव पूजा से बेहतर स्वास्थ्य और रोगों का नाश होता है।
- बुधवार को शिव पूजा करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।
- गुरुवार को शिव पूजा करने से लंबी उम्र मिलती है।
- शुक्रवार और शनिवार को की गई शिव पूजा से हर तरह के सुख मिलते हैं।
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