Hindu Tradition: शव को रात भर घर में रखना पड़े तो ध्यान रखें ये बातें, नहीं तो हो सकता है अनर्थ

Hindu Tradition: हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कार बताए गए हैं, इनमें अंतिम संस्कार भी एक है। अंतिम संस्कार में अनेक परंपराओं का पालन किया जाता है। हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार करना मना है। इससे कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
 

Manish Meharele | / Updated: Dec 21 2022, 06:00 AM IST

उज्जैन. मृत्यु एक अटल सत्य है यानी हर व्यक्ति की मृत्यु निश्चित है। हिंदू धर्म (Hindu Tradition) में मृत्यु के बाद किए जाने कर्म को भी संस्कार में शामिल किया गया है। इसे अंतिम संस्कार कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते समय कई बातों का ध्यान रखना जाता है, नहीं तो उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलती, ऐसा कहा जाता है। (funeral rites in Hinduism) हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार करने की मनाही है। इसके पीछे एक नहीं कई कारण हैं, जिसके पीछे मनोवैज्ञानिक और धार्मिक पक्ष छिपे हैं। आज हम आपको इन्हीं के बारे में बता रहे हैं…

सूर्यास्त के बाद इसलिए नहीं करते अंतिम संस्कार
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पॉजिटिव एनर्जी यानी दैवीय शक्तियों का प्रभाव अधिक होता है और शाम होते ही निगेटिव एनर्जी यानी राक्षसी शक्तियों का। सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार करने से मृतक की आत्मा पर ये राक्षसी शक्तियां प्रभाव डालती हैं और मृतात्मा को मोक्ष या सद्गगति प्राप्त नहीं हो पाती। ऐसी आत्माएं भटकती रहती हैं और अपने उद्धार के लिए इन्हें लंबे समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार नहीं किया जाता।

सूर्यास्त के पहले न कर पाएं दाह संस्कार तो…
कई बार ऐसी परिस्थितियां भी बनती हैं तो कोई परिजन समय पर नहीं पहुंच पाता और रात में शव को रात भर घर में ही रखना पड़ता है। ये स्थिति बहुत ही कष्टदाई होती है। इस स्थिति में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है जैसे शव को अकेले न छोड़ें क्योंकि निगेटिव एनर्जी उस शरीर पर अधिकार करने का प्रयास करती हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए शव के निकट शुद्ध घी का दीपक जला दें। इससे निगेटिव शक्तियां दूर रहती हैं। 

इन बातों का भी रखें ध्यान..
1.
शव को रात भर घर में रखना हो तो कोई न कोई व्यक्ति पास में जरूर रहे।
2. रात भर शुद्ध घी का दीपक मृतक के सिरहाने जलते रहना चाहिए।
3. मृतक के नाक और कान में रुई जरूर लगा दें नहीं तो कोई जीव जंतु शरीर में प्रवेश कर सकता है।
4. मृतक के पैरों के अंगूठों को आपस में किसी धागे से बांध दें।
5. मृतक के पास बैठकर कोई भी अधिक विलाप न करें, इससे मृतात्मा को कष्ट होता है।


 

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