21 और 22 अप्रैल को होगा जवारों का विसर्जन, ये है संपूर्ण विधि और शुभ मुहूर्त

Published : Apr 21, 2021, 11:29 AM IST
21 और 22 अप्रैल को होगा जवारों का विसर्जन, ये है संपूर्ण विधि और शुभ मुहूर्त

सार

आज (21 अप्रैल, बुधवार) को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। ये चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन होता है। बहुत से लोग नवमी तिथि पर ही दुर्गा प्रतिमा और जवारों को विसर्जन कर देते हैं, जबकि कुछ दशमी तिथि (22 अप्रैल, गुरुवार) पर।

उज्जैन. बहुत से लोग नवमी तिथि पर ही दुर्गा प्रतिमा और जवारों को विसर्जन कर देते हैं, जबकि कुछ दशमी तिथि (22 अप्रैल, गुरुवार) पर। इस विधि से करें दुर्गा प्रतिमा और जवारों का विसर्जन…

-विसर्जन के पूर्व दुर्गा प्रतिमा का गंध, चावल, फूल, आदि से पूजा करें तथा इस मंत्र से देवी की आराधना करें-
रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।
महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।

-इस प्रकार प्रार्थना करने के बाद हाथ में चावल व फूल लेकर देवी भगवती का इस मंत्र के साथ विसर्जन करना चाहिए-
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।

-इस प्रकार पूजा करने के बाद दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन कर देना चाहिए, लेकिन जवारों को फेंकना नही चाहिए। उसको परिवार में बांटकर सेवन करना चाहिए। इससे नौ दिनों तक जवारों में व्याप्त शक्ति हमारे भीतर प्रवेश करती है। माता की प्रतिमा, जिस पात्र में जवारे बोए गए हो उसे तथा इन नौ दिनों में उपयोग की गई पूजन सामग्री का श्रृद्धापूजन विसर्जन कर दें।

21 अप्रैल के शुभ मुहूर्त
सुबह 10.30 से दोपहर 12 बजे तक- शुभ
दोपहर 3 से शाम 4.30 तक- चर
शाम 4.30 से 6 बजे तक- लाभ

22 अप्रैल के शुभ मुहूर्त
सुबह 10.30 से 12 बजे तक- चर
दोपहर 12 से 1.30 तक- लाभ
दोपहर 1.30 से 3 बजे तक- अमृत

PREV

Recommended Stories

Aaj Ka Panchang 7 दिसंबर 2025: 2 ग्रह बदलेंगे राशि, बनेंगे 4 शुभ योग, जानें राहुकाल का समय
Unique Temple: इस त्रिशूल में छिपे हैं अनेक रहस्य, इसके आगे वैज्ञानिक भी फेल, जानें कहां है ये?