हर साल 13 जनवरी को पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा आदि क्षेत्रो में लोहड़ी (Lohri 2022) मनाई जाती है। पंजाबी लोगों का ये मुख्य त्योहार है। परंपरागत रूप से लोहड़ी का त्योहार रबी की फसलों के तैयार होने की खुशी में ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है।
उज्जैन. पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा सहित देश के अन्य हिस्सों में भी लोहड़ी (Lohri 2022) का उत्साह देखते ही बनता है। इस मौके पर दुल्ला भट्टी को जरूर याद किया जाता है। उससे संबंधित गीत भी गाए जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार दुल्ला भट्टी एक पंजाबी योद्धा थे, जो लोगों की मदद करते थे। लोग लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की बहादुरी के किस्से सुनते और सुनाते हैं। आगे जानिए कौन थे दुल्ला भट्टी (Dulla Bhatti) और उनसे जुड़ी खास बातें...
जननायक थे दुल्ला भट्टी
- दुल्ला भट्टी का असली नाम राय अब्दुल्ला खान बताया जाता है। वे राजपूत मुसलमान थे। मुगलों ने उनके पिता और दादा को मरवा दिया था क्योंकि उन्होंने लगान देने से मना कर दिया था।
- मुगल काल में अकबर के दौरान दुल्ला भट्टी पंजाब में ही रहते थे। कहते हैं कि दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों की उस वक्त रक्षा की थी जब संदल बार में लड़कियों को अमीर सौदागरों को बेचा जा रहा था।
- वहीं एक दिन दुल्ला भट्टी ने इन्हीं अमीर सौदागरों से लड़कियों को छुड़वा कर उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई थी और तभी से इसी तरह दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया जाने लगा।
- गांव में एक किसान था, उसका नाम सुंदरदास था। उसकी दो बेटियां थीं सुंदरी और मुंदरी। गांव के जमींदार सुंदरदास को धमकाता बेटियों की शादी खुद से कराने के लिए। सुंदरदास ने दुल्ला भट्टी जाकर पूरी बात बता दी। दुल्ला भट्टी ने जमींदार को सबक सिखाया और लड़कियों की शादी वहां की, जहां सुंदरदास चाहता था। शगुन में शक्कर दी। तभी ये लोहड़ी पर ये गीत गाया जाता है-
सुन्दर मुंदरिए
तेरा कौन विचारा
दुल्ला भट्टीवाला
दुल्ले दी धी व्याही
सेर शक्कर पायी
कुड़ी दा लाल पताका
कुड़ी दा सालू पाटा
सालू कौन समेटे
मामे चूरी कुट्टी
जिमींदारां लुट्टी
जमींदार सुधाए
गिन गिन पोले लाए
इक पोला घट गया
ज़मींदार वोहटी ले के नस गया
इक पोला होर आया
ज़मींदार वोहटी ले के दौड़ आया
सिपाही फेर के ले गया
सिपाही नूं मारी इट्ट
भावें रो ते भावें पिट्ट
साहनूं दे लोहड़ी
तेरी जीवे जोड़ी
साहनूं दे दाणे तेरे जीण न्याणे
ये खबरें भी पढ़ें...
Lohri 2022: 13 जनवरी को मनाया जाएगा लोहड़ी पर्व, ये है हंसने-गाने और खुशियां बांटने का उत्सव
Makar Sankranti पर 3 ग्रह रहेंगे एक ही राशि में, शनि की राशि में बनेगा सूर्य और बुध का शुभ योग
Makar Sankranti को लेकर ज्योतिषियों में मतभेद, जानिए कब मनाया जाएगा ये पर्व 14 या 15 जनवरी को?
Makar Sankranti 2022: 3 शुभ योगों में मनाया जाएगा मकर संक्रांति उत्सव, इस पर्व से शुरू होगा देवताओं का दिन
Makar Sankranti पर ये खास चीज खाने की है परंपरा, इससे शरीर को मिलती है ताकत, पुराणों में भी है इसका जिक्र