चातुर्मास के पहले 29 जून को अंतिम शुभ मुहूर्त, इसके बाद 25 नवंबर तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य

आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी कहते हैं। ये दिन विवाह और अन्य मांगलिक कामों के शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस साल भड़ली नवमी शुभ मुहूर्त 29 जून, सोमवार को है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 28, 2020 1:51 AM IST

उज्जैन. इस दिन गुप्त नवरात्रि का समापन भी होता है। राजस्थान, गुजरात सहित उत्तर और मध्य भारत में भड़ली नवमी को अबूझ मुहूर्त के रूप में बहुत ही खास माना जाता है। इसके शुभ मुहूर्त के एक दिन बाद देवशयनी एकादशी आ जाने से अगले 4 महीनों के लिए विवाह, सगाई मुंडन, गृहप्रवेश और अन्य मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। लेकिन इस बार अधिक मास होने से 5 महीने तक देवशयन रहेगा। इसलिए 29 जून के बाद 25 नवंबर से ही विवाह और मांगलिक कामों की शुरुआत हो पाएगी।

25 नवंबर से शुभ मुहूर्त
हिंदू नववर्ष में विवाह मुहूर्त की शुरुआत एक मई से हो गई थी। जो अब देवशयनी एकादशी तक रहेंगे। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार मई में विवाह और अन्य मांगलिक कामों के 11 मुहूर्त थे। इसके बाद जून में भड़ली नवमी सहित 6 शुभ मुहूर्त हैं।
महामारी के चलते मई में जिन लोगों के विवाह रुक गए थे। वे 29 जून को भड़ली नवमी के अबूझ मुहूर्त में विवाह कर सकते हैं। एक जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ चतुर्मास होने से करीब पांच महीने के लिए विवाह जैसे मांगलिक काम बंद हो जाएंगे। इसके बाद मुहूर्त सीधे 25 नवंबर के बाद प्रारंभ होगे। नवंबर में सिर्फ दो दिन और दिसंबर में सात दिन ही विवाह के मुहूर्त रहेंगे।

एक जुलाई से 5 माह तक विवाह मुहूर्त नहीं
एक जुलाई देवशयनी एकादशी से विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। देवउठनी एकादशी 25 नवंबर से शुरू होंगे। जुलाई से नवंबर तक 5 माह विवाह पर ब्रेक रहेगा। इस साल नवंबर में 26 और 27 तारीख को ही मुहूर्त रहेंगे, जबकि दिसंबर में केवल 1 से 11 तक सात दिन ही मुहूर्त रहेंगे।

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