मंगल-राहु और शनि के अशुभ योग से बढ़ेगी गर्मी, बड़े अग्निकांड में हो सकता है जान-माल का नुकसान

Published : May 28, 2024, 10:18 AM IST
Visfotak-Yog

सार

Angarak Yog: पिछले कुछ दिनों से देश में लगातार अग्नि से जुड़ी घटनाएं हो रही हैं, जिसमें कीं लोगों की जान भी जा चुकी है। अग्निकांड की इन घटनाओं का एक कारण राहु-मंगल का अंगारक योग भी है। 

Visfotak Yog In June 2024: इन दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार अग्नि से जुड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिसके कारण जान-माल का काफी नुकसान हो रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, इन दुघटनाओं के पीछे राहु-मंगल का अंगारक योग भी है। ऐसी और भी घटनाएं आगे हो सकती हैं क्योंकि जल्दी ही मंगल राशि बदलेगा, जिससे शनि से इसका दृष्टि संबंध बनेगा और घटना-दुर्घटना के योग बनेंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी से जानें इन अशुभ योगों के बारे में…

राहु-मंगल बना रहे अंगारक योग
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, वर्तमान में मीन राशि में मंगल और राहु एक साथ हैं। इन दोनों ग्रहों के साथ होने से अंगारक नाम का अशुभ योग बन रहा है। इस योग के चलते गर्मी का प्रभाव अभी और बढ़ेगा, वहीं अग्नि से जुड़ी दुर्घटनाएं होने की आशंका भी बनी रहेगी। गर्मी बढ़ने और दुर्घटनाएं होने से जान-माल का नुकसान भी हो सकता है।

1 जून से बनेगा विस्फोटक योग
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, 1 जून को मंगल राशि बदलकर मेष राशि में आ जाएगा। ऐसा होने से शनि से उसका दृष्टि संबंध बन जाएगा। शनि और मंगल की ये स्थिति विस्फोटक योग का निर्माण करेगी। नाम से ही पता चलता है कि ये योग कितना अशुभ है। इस अशुभ योग के कारण भी देश में बड़े अग्निकांड हो सकते हैं। साथ ही और भी कईं परेशानियों का सामना जनता को करना पड़ेगा।

सूर्य रहेगा रोहिणी नक्षत्र में
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, जब सूर्य वृष राशि में रोहिणी नक्षत्र में होता है तो गर्मी तेज होती है। इस बार सूर्य 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में आ चुका है। रोहिणी नक्षत्र में तारों की संख्या 5 है। रोहिणी के हर चरण में सूर्य साढ़े तीन दिन रहता है। इस दौरान शुक्र भी सूर्य के साथ रोहिणी नक्षत्र में ही रहेगा और वहीं चंद्रमा भी अग्नि तत्व वाली मेष राशि में प्रवेश कर जाएगा, जिससे तापमान में असामान्य वृद्धि हो सकती है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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