सरकार की तरफ से बताया गया है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत निजी और सरकारी दोनों तरह के वाहन आएंगे। इसके लिए राज्यों की आर्थिक मदद भी की जाएगी। ताकि कार्बन एमिशन को कम करने में मदद मिल सके।
ऑटो डेस्क : बुधवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट (Budget 2023) पेश हुआ। बजट की घोषणा करते हुए फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने पुराने वाहनों और स्क्रैपिंग पॉलिसी (Scrappage Policy) को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पुराने डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों को स्क्रैप करना जरूरी है। इसमें राज्यों की मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि वाहनों को स्क्रैप करने की पॉलिसी को सरकार बढ़ावा देगी। सरकार का उद्देश्य स्क्रैप पॉलिसी के जरिए एमिशन को कम करना है। आइए जानते हैं क्या है स्क्रैप पॉलिसी और सरकार इसमें क्या करेगी...
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गाड़ियां हटेंगी
वित्त मंत्री ने कहा कि स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत राज्यों की आर्थिक मदद की जाएगी। जिससे इस काम में तेजी आ सके। सरकार पर्यावरण और कार्बन एमिशन कोकम करने को लेकर गंभीर है। यही कारण है कि इस पॉलिसी के जरिए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले वाहनों को हटाया जाएगा और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा।
कबाड़ में बदली जाएंगी गाड़ियां
निर्मला सीतारमण ने बताया कि राज्यों को पुरानी एंबुलेंस, सरकारी वाहनों को भी हटाने में केंद्र सरकार मदद करेगी। स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत निजी वाहन ही नहीं बल्कि पुराने सरकारी वाहनों को भी कबाड़ में बदल दिया जाएगा। इससे लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। इतना ही नहीं, इसकी मदद से ऑल्टरनेट फ्यूल पर भी फोकस होगा। यही कारण है कि सरकार बायोगैस को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है।
ग्रीन हाइड्रोजन पर 19700 करोड़ खर्च करेगी सरकार
बजट में वित्त मंत्री ने बताया कि ग्रीन एनर्जी को सरकार लगातार बढ़ावा दे रही है। इसको लेकर सरकार ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर लगातार काम भी कर रही है। कार्बन एमिशन को कम करना सरकार की प्रॉयरिटी है। इसीलिए नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की गई है और इसके लिए 19700 करोड़ रुपए सरकार देगी।
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