सार
बजट 2023-24 में पूरी तरह से विदेश में बने कारों (Automobile Budget 2023) के आयात पर सीमा शुल्क में 10 फीसदी की वृद्धि की गई है। 40 हजार डॉलर से कम कीमत वाली कारों पर कस्टम ड्यूटी को 60 फीसदी से बढ़ाकर 70 फीसदी कर दिया गया है।
नई दिल्ली। अगर आप BMW और मर्सिडीज जैसी कंपनियों के इम्पोर्टेड लग्जरी कार खरीदना चाहते हैं तो आपको अब अधिक पैसे खर्च करने होंगे। बजट 2023-24 में केंद्र सरकार ने विदेश से पूरी तरह तैयार स्थिति में आयात होने वाली कारों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है।
40 हजार अमेरिकी डॉलर से कम कीमत, 3 हजार सीसी से कम इंजन क्षमता (पेट्रोल इंजन) और 2500 सीसी से कम क्षमता (डीजल इंजन) वाली पूरी तरह से विदेश में बनी कारों पर पहले सीमा शुल्क 60 फीसदी था। इसे बढ़ाकर 70 फीसदी कर दिया गया है।
40 हजार अमेरिकी डॉलर से अधिक कीमत वाली पूरी तरह से विदेश में बनी इलेक्ट्रिक कार लगने वाले सीमा शुल्क को 60 फीसदी से बढ़ाकर 70 फीसदी कर दिया गया है। ऐसी कार जिसका निर्माण विदेश में हो और असेंबलिंग भारत में हो उसपर लगने वाले सीमा शुल्क को 30 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी कर दिया गया है।
40 हजार डॉलर से अधिक कीमत वाली कारों पर लगता है 100 फीसदी सीमा शुल्क
पहले से ही 40 हजार अमेरिकी डॉलर से अधिक कीमत वाली पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के लिए 3,000 सीसी से अधिक इंजन क्षमता और डीजल से चलने वाले वाहनों के लिए 2,500 सीसी से अधिक क्षमता वाली विदेश में बनी कारों के आयात पर 100 प्रतिशत सीमा शुल्क लगता है।
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भारत में कारों के निर्माण को मिलेगा बढ़ावा
इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और ग्रुप हेड कॉर्पोरेट रेटिंग्स शमशेर दीवान ने कहा कि "इम्पोर्टेड कारों के सीमा शुल्क में हुई वृद्धि का बहुत अधिक असर पड़ने की संभावना नहीं है। टॉप-एंड वेरिएंट को छोड़कर अधिकांश लग्जरी कारों को अब भारत में असेंबल किया जाता है। सीमा शुल्क में वृद्धि का उद्देश्य कारों को भारत में बनाए जाने को बढ़ावा देना है।
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