सार

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट (Budget 2023) में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 10 लाख रुपए आवंटित किया गया है। बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाया गया है। यह GDP का 3.3 प्रतिशत होगा।

नई दिल्ली। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा बुधवार को आखिरी पूर्ण बजट (Budget 2023) पेश किया गया। इस बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 10 लाख रुपए आवंटित किया गया है। इससे चुनावी साल में सड़कों और पूलों जैसी आधारभूत संचरनाओं का खूब निर्माण होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए करने की घोषणा की। यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.3 प्रतिशत होगा। उन्होंने कहा कि नई आधारभूत संचरनाओं के विकास से अधिक निजी निवेश आकर्षित होगा।

कोरोना की मंदी के बाद बढ़ रहा निवेश

वित्त मंत्री ने कहा कि बंदरगाहों, कोयला, इस्पात, उर्वरक और खाद्यान्न क्षेत्रों के लिए 100 महत्वपूर्ण ट्रांस्पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है। प्राथमिकता के आधार पर इनपर काम होगा। इन परियोजनाओं पर 75,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा, इसमें 15,000 करोड़ रुपए निजी स्रोतों से जुटाए जाएंगे। बुनियादी ढांचे और उत्पादक क्षमता में निवेश से विकास होता है इससे रोजगार के बड़े मौके विकसित होते हैं। कोरोना महामारी की मंदी के बाद अब निजी निवेश फिर से बढ़ रहे हैं।

पीएम मोदी ने 2021 में लॉन्च किया था गति शक्ति प्लान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अक्टूबर 2021 को पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य रसद लागत (सामान ढ़ोने पर आने वाला खर्च) को कम करने के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करना है। 500 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश वाली सभी लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को पीएम गति शक्ति पहल के तहत गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) के माध्यम तैयार किया जाता है।

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नितिन गडकरी ने कहा- नए जमाने के बुनियादी ढांचे से लैस होगा भारत

बजट पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस साल का बजट समृद्ध और समावेशी भारत की कल्पना कर रहा है। इसका लाभ सभी वर्गों के लोगों को होगा। इससे विशेष रूप से युवा, महिलाएं, किसान, ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लोग लाभान्वित होंगे। यह बजट भारत को नए जमाने के बुनियादी ढांचे से लैस करेगा। इससे आयात में कमी होगी। यह भविष्य के दृष्टिकोण के साथ हमारे ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करेगा।

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