
ऑटो डेस्क. 28 अगस्त को फिक्की रोड सेफ्टी अवार्ड और कॉन्क्लेव 2024 के छठे संस्करण में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत में युद्ध, उग्रवाद और नक्सलवाद से ज्यादा जानें सड़क दुर्घटना में जाती है। उन्होंने कहा कि हर साल लगभग पांच लाख से ज्यादा सड़क दुर्घटना होती हैं। 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। वहीं, लगभग तीन लाख लोग घायल होते हैं।
ज्यादातर दुर्घटनाएं हाईवे और एक्सप्रेसवे पर
हमारे देश में रोड एक्सीडेंट खुले हाईवे और एक्सप्रेस वे पर ज्यादा एक्सीडेंट होते है। अक्सर खाली सड़क को देख लोग गाड़ी चलाते समय लापरवाही बरतते हैं। ऐसे में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आप इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो हाईवे पर रोड एक्सिडेंट का खतरा कम हो सकता है।
अपनी लेन में गाड़ी चलाए
हाईवे और एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां अक्सर तेज रफ्तार में चलते हैं। ऐसे में गाड़ियों को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। एक्सिडेंट के रिस्क को कम करने के लिए, हमेशा अपनी लेन में चलाना जरूरी होता है। ऐसे में दूसरी गाड़ियों से टकराने की संभावना कम हो जाती है।
स्पीड लिमिट मेंटेन करें
हाईवे और एक्सप्रेस वे पर अपनी सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए हमेशा गाड़ी की स्पीड लिमिट कंट्रोल करें। इससे सिर्फ आपकी ही सुरक्षा नहीं होती बल्कि दूसरे भी सुरक्षित रहते हैं। साथ ओवर लिमिट के चालान से भी बच सकते हैं।
डिस्टेंस मेंटेन रखें
हाईवे पर गाड़ी चलाते वक्त हमेशा, दूसरी गाड़ियों से दूरी बनाकर रखें। इससे एक्सिडेंट का खतरा कम हो सकता है। अक्सर तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते वक्त सामने की गाड़ी के ब्रेक लगने पर टक्कर का खतरा बना रहता है। ऐसे में ड्राइवर को ध्यान रखना चाहिए कि गाड़ी के बीच का डिस्टेंस 4 से 6 फीट का रहना चाहिए।
लो बीम लाइट का इस्तेमाल करें
अगर आप रात में गाड़ी चलाते हैं, तो आपको अक्सर लो बीम हेडलाइट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसे में आपके आगे और पीछे चल रही गाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। हाई बीम हेडलाइट विपरीत दिशा से आ रहे ड्राइवरों को डरा सकती है, जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है।
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