कब तक रुलायेगी Semiconductor chip, इलेक्ट्रानिक और ऑटो सेक्टर ने उठाया भारी नुकसान, अभी भी समस्या बरकरार

सेमीकंडक्टर की शार्टेज (semiconductor's shortage) ऑटो इंडस्ट्री के लिए बड़ी मुसीबत बनकर आई है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर (SIAM) ने आंकड़े जारी करके बताया कि देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री में नवंबर में 19 प्रतिशत की गिरावट आयी है। 

ऑटो डेस्क। सेमीकंडक्टर चिप (semiconductor chip ) की कमी से पूरी दुनिया जूझ रही है। देश में ऑटो सेक्टर को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। यही स्थिति स्मार्टफोन और इलेक्ट्रानिक डिवाइस प्रोडक्शन कंपनियों का  है। ये स्थिति अगले साल भी बनी रहेगी । SIAM ने बताया है कि देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री में नवंबर में 19 प्रतिशत की गिरावट आयी है। यह गिरावट सेमीकंडक्टर की कमी से व्हीकल प्रोडक्शन और डीलर पार्टनर्स को वाहनों की डिलिवरी प्रभावित होने के चलते हुई है। 

संसद में भी उठा था मुद्दा 
ये मुद्दा दिसंबर महीने की शुरुआत में संसद में भी उठा था। प्रश्नकाल के दौरान ही बीजेपी सांसद जे अल्फोंस ने सेमीकंडक्टर से जुड़ी समस्या को उठाया था। इस पर वैष्णव ने कहा कि बीते 10 सालों में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण उद्योग (Electronics manufacturing industry) में प्रोगेस हुई है । इसमें  75 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। इस क्षेत्र में हर साल 25-26 प्रतिशत की दर से ग्रोथ हो रही है ।  अगले पांच साल में यह 250 अरब डॉलर तक हो जाएगा। वहीं अब सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर (SIAM) ने भी इस मामले में नए आंकड़े जारी किए हैं। नंबवर महीने यात्री वाहनों (पीवी) की थोक बिक्री 2,15,626 यूनिट्स थी, जो नवंबर 2020 की 2,64,898 यूनिट्स से 19 प्रतिशत कम है।

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टू व्हीलर की बिक्री में भारी गिरावट
टू व्हीलर की कुल थोक बिक्री बीते महीने 34 प्रतिशत घटकर 10,50,616 यूनिट्स रह गयी है, जो एक साल पहले इसी अवधि में 16,00,379 यूनिट्स थी। नवंबर 2021 में थ्री व्हीलर वाहनों की थोक बिक्री 22,471 यूनिट्स रही, जो एक साल पहले इसी महीने की 24,071 यूनिट्स से सात प्रतिशत कम है। नबंबर महीने सभी कैटेगिरी में वाहनों की कुल बिक्री एक साल पहले की समान अवधि की 18,89,348 यूनिट्स से घटकर 12,88,759 यूनिट्स रह गयी है। 

इलेक्ट्रानिक आयटम्स बनाने वाली कंपनियां हो रहीं प्रभावित
देश में ग्लोबल चिप की सप्लाई रुकने से 150 से अधिक इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। साल 2022 में भी ये समस्या जस की तस बन रही सकती है।  चिप संकट से अमेरिका जैसा देश भी प्रभावित हुआ है। बता दें कि इलेक्ट्रानिक उपकरणों में सेमीकंडक्टर्स की जरुरत होती है।  स्मार्टफोन्स, डेटा सेंटर्स, कम्प्यूटर्स, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डिवाइस, ऑटो सेक्टर, हाउसहोल्ड अप्लायंसेज, लाइफ सेविंग फार्मास्यूटिकल डेवाइसेज, एग्री टेक, एटीएम और कई तरह के प्रोडक्टस में इसका इस्तेमाल होता है।

कोरोना महामारी ने बढ़ाया चिप संकट
कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया में कई फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया था। इससे सेमीकंडक्टर की भारी शार्टेज हो गई है।  महामारी के दौरान  मांग कम होने के चलते इसका असर नहीं दिखा था, वहीं स्थितियां सामान्य होने के बाद अब इसकी भयावहता सामने आई है। कोरोना संकट थमने के बाद दुनियाभर में इलेक्ट्रॉनिक आयटम्स की मांग बढ़ी है और कंपनियों के लिए चिप संकट के कारण मांग पूरी करना भारी पड़ रहा है। 
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