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17 करोड़ की लागत से बना Driving institute, यहां से ट्रेनिंग के बाद सरकारी नौकरी में मिलेगी प्राथमिकता

ऑटो डेस्क, Institute of driving and traffic research :  नवा रायपुर अटल नगर के ग्राम तेंदुआ में 17 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च छत्तीसगढ़ का लोकार्पण सीएम भूपेश बघेल ने किया है।  ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने के लिए यहां सभी आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। बेहतरीन सुविधाओं से सुसज्जित इस इंस्टीट्यूट का निर्माण ग्राम तेंदुआ में 20 एकड़ के एरिया में किया गया है। modern equipment के माध्यम से driving trainees को ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें उन्हें गाड़ी चलाने, पार्किंग, बैक करने, चढ़ाव और टर्निंग पर गाड़ी कैसे चलाना है, यह सिखाया जाएगा। देखें इस ट्रेनिंग  इंस्टीट्यूट की खासियत...

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Asianet News Hindi
Published : Dec 10 2021, 03:01 PM IST
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CM भूपेश बघेल ने बताई उपयोगिता
मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने उद्घाटन समारोह को संबोधित किया, उन्होंने कहा कि सुरक्षित ड्राइविंग स्किल सिखाने में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सुरक्षित परिवहन के लिए यह आवश्यक है कि हम स्वयं यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाएं, इसके साथ यह भी जरूरी है कि सामने वाला भी सही ढंग से वाहन चलाएं। छत्तीसगढ़ में बस, कार, मोटरसाइकिल, ट्रक, स्कूल बस मिलाकर लगभग 66 लाख वाहन हैं, इसलिए वाहनों की सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रशिक्षण और भी अधिक जरूरी हो जाता है। 

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छत्तीसगढ़ सरकार ने IDTR में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं और थर्ड जेंडर के अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट देने तथा दिव्यांग अभ्यर्थियों को मुफ्त में प्रशिक्षण प्रदान करने की घोषणा की है। इस मौके पर सीएम  बघेल ने विधायक धनेंद्र साहू के आग्रह पर नवा रायपुर की चेरिया-पौंता सड़क के निर्माण कार्य को राज्य सरकार के अगले मुख्य बजट में शामिल करने की घोषणा भी की।

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नवा रायपुर में प्रारंभ हुए इस इंस्टीट्यूट में विशेषज्ञों द्वारा अत्याधुनिक उपकरणों के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें उन्हें गाड़ी चलाने, पार्किंग, बैक करने, चढ़ाव और टर्निंग पर गाड़ी कैसे चलाना है, यह सिखाया जाएगा। 

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ट्रेनिंग सेंटर में  प्रशिक्षणार्थियों को वाहनों में लगे हुए यंत्रों की कार्यप्रणाली से अवगत कराया जाएगा। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ जाएंगे।  वहीं सीएम ने भी इस बात को दोहराया है कि तेज गति से वाहन चलाना नहीं बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि हमारा नियंत्रण अपने वाहन पर हो। 

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मुख्यमंत्री बघेल ने इस दौरान अपनी युवा अवस्था में मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर और कार चलाने के अनुभवों को भी आम जनता के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि पहले की गाड़ियों में कम फंक्शन होते थे, लेकिन आज गाड़ियों में बहुत से फंक्शन हैं, सुरक्षित यातायात के लिए यह गाड़ी के फंक्शन की जानकारी होना जरूरी है। इंस्टीट्यूट में गाड़ी के इंजन, पिस्टन सहित विभिन्न यंत्रों की कार्य प्रणाली की जानकारी टेक्नीकल लैब में मॉडलों और वीडियो के माध्यम से दी जाएगी। जिससे गाड़ी में आने वाली छोटी मोटी खामियों को दुरूस्त किया जा सके।
 

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ऑफ ड्राइविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च की महत्वपूर्ण भूमिका
कोरोना महामारी के  दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ ट्रांसपोर्टरों की समस्या को समझा था और उन्हें टैक्स में छूट प्रदान की थी। इस पर सीएम ने कहा कि देश में ट्रांसपोर्टरों को टैक्स में इतनी छूट कहीं भी नहीं दी गई। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन किया और आईटीडीआर के प्रशिक्षण वाहनों को हरी झण्डी दिखाई। CM बघेल ने सिम्युलेटर में बैठकर वाहन चलाने का अनुभव भी लिया। मुख्यमंत्री ने परिसर में चंदन का पौधा भी रोपा।  
 

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ट्रेनिंग लेने वाले को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता
 परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि इस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध कराने में सहयोग दिया जाएगा। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को शासकीय विभाग में वाहन चालक पद पर भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। प्रशिक्षण पूरा करने वालों को लाइसेंस दिए जाएंगे। उन्होंने परिवहन विभाग की ‘‘तुंहर सरकार-तुंहर द्वार‘‘ योजना के संबंध में बताया कि इस योजना में 4 लाख 65 हजार 918 लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस घर पहुंचाकर दिए गए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहली बार ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं को समझा और उनके समाधान के लिए उदारता के साथ फैसले लिये, जिससे उन्हें राहत मिली।

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