भारत में 2020 में गड्ढों की वजह से हुए 3,500 एक्सीडेंट, लॉकडाउन के कारण सड़क दुर्घटना में आई 4% की कमी

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने संसद को बताया कि साल 2020 में सड़कों के गड्ढों (Path holes) के कारण देश में कुल 3,564 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। 2019 के आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 4,49,002 सड़क हादसे हुए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Aug 10, 2021 10:15 AM IST

ऑटो डेस्क : दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं के आकंड़े देखे तो इसमें सबसे ज्यादा एक्सीडेंट भारत में होते हैं। भारत में दुनिया के सिर्फ एक फीसदी वाहन हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में दुनिया भर में होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा 11 प्रतिशत है। हाल ही में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद को बताया कि साल 2020 में सड़कों के गड्ढों के कारण देश में कुल 3,564 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। हालांकि, ये दुर्घटनाएं पिछले 5 सालों में सबसे कम बताई गई हैं। 
2016 से 2019 में गड्ढों के कारण सड़क दुर्घटनाएं
2016 -  6,424 गड्ढों के कारण एक्सीडेंट
2017- 9,423 गड्ढों के कारण एक्सीडेंट
2018- 4,869 गड्ढों के कारण एक्सीडेंट
2019- 4,775 गड्ढों के कारण एक्सीडेंट

संसद में नितिन गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने चार कारकों के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को संबोधित करने के लिए एक रणनीति बनाई है, जिसमें शिक्षा, सड़कों और वाहनों दोनों की इंजीनियरिंग, प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल शामिल है।

साल 2019 में हुई कुल दुर्घटनाओं के बारे में बताते हुए गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में 4 प्रतिशत की कमी आई है। बता दें कि 2019 के आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 4,49,002 हादसे हुए हैं। इनमें से तेज गाड़ी चलाने के कारण 3,19,028 दुर्घटनाएं हुईं, जबकि नशे में गाड़ी चलाने / शराब और ड्रग्स का सेवन करने से 12,256 हादसे हुए। 2019 में गलत साइड/लेन अनुशासनहीनता के कारण 24,431, लाल बत्ती में गाड़ी निकालने से 4,443 और मोबाइल फोन के उपयोग के कारण 10,522 एक्सीडेंट हुए है।

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संसद को बताया कि योजना के स्तर पर सड़क सुरक्षा को सड़क डिजाइन का एक अभिन्न अंग बना दिया गया है और उनके मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट या दुर्घटना संभावित स्थान की पहचान और सुधार को उच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने बार-बार सुरक्षित ड्राइविंग के महत्व के बारे में बताया और OEM से अपने वाहनों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के तहत डिजाइन करने का भी आग्रह किया।

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