ऑटो सेक्टर में मंदी के साथ भारत नहीं बन सकता 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी: पवन गोयनका

सोमवार को मुंबई में आयोजित इंडिया कॉन्क्लेव 2019 में बोलते वक्त गोयनका ने कहा कि देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ऑटो मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए 14 फीसदी की वृद्धि दर होनी चाहिए

मुंबई:लगातार मंदी का मार झेल रही ऑटो इंडस्ट्री मंदी के मार से उभरने के लिए कई कदम उठा रही हैं। इस बीच महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका ने कहा कि ऑटो सेक्टर में मंदी के साथ भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश नहीं बन सकता। सोमवार को मुंबई में आयोजित इंडिया कॉन्क्लेव 2019 में बोलते वक्त गोयनका ने कहा कि देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ऑटो मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए 14 फीसदी की वृद्धि दर होनी चाहिए। 

5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य

Latest Videos

आपको बता दें कि भारत सरकार का लक्ष्य अगले 5 सालों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का  है, जिसमें 12 फीसदी योगदान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का होगा। गोयनका ने कहा कि 2025-26 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने का मतलब है कि 8.5 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर यानी सीएजीआर। इसमें मैन्युफैक्चरिंग का 1 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य है यानी 12 फीसदी। गोयनका के अनुसार यदि मैन्युफैक्चरिंग में 12-13 फीसदी की ग्रोथ रेट चाहिए तो ऑटो सेक्टर में 14 फीसदी की वृद्धि दर होनी चाहिए।

ऑटो इंडस्ट्री का 7 फीसदी योगदान

जीडीपी में ऑटो इंडस्ट्री का 7 फीसदी योगदान पर महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका ने कहा कि दूसरे प्रमुख ऑटो निर्माता देशों की तुलना में भारत की ऑटो इंडस्ट्री जीडीपी में अच्छा योगदान देती है। वर्तमान में ऑटो सेक्टर देश की जीडीपी में 7 फीसदी योगदान देती है। हालांकि निर्यात में योगदान के मामले में भारतीय ऑटो इंडस्ट्री पीछे है। भारत में निर्यात में ऑटो की हिस्सेदारी केवल 4 फीसदी है, जबकि थाइलैंड, जर्मनी, कोरिया और जापान में यह 10 फीसदी से अधिक है। लगभग दो दशकों में सबसे अधिक गिरावट के कारण चालू वित्त वर्ष में भारतीय ऑटो सेक्टर वॉल्यूम के मामले में 15 फीसदी से ज्यादा गिरा है।

मारुति और एमजी मोटर्स ने भी जताई चिंता

आपको बता दें कि ऑटो सेक्टर में मंदी के ऊपर मारुति और एमजी मोटर्स के अधिकारी भी चिंता जता चुकें हैं । मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि इकोनॉमिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी बदलाव की जरूरत है। वहीं एमजी मोटर के एमडी राजीव चाबा ने कहा कि यदि हम वहीं करें जो पिछले 10 वर्षों से करते रहे हैं तो हम इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते। ऐसे में यह यह संख्या (5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी) मात्र एक संख्या ही रह जाएगी।

(फाइल फोटो)

Share this article
click me!

Latest Videos

Christmas Tradition: लाल कपड़े ही क्यों पहनते हैं सांता क्लॉज? । Santa Claus । 25 December
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
बांग्लादेश ने भारत पर लगाया सबसे गंभीर आरोप, मोहम्मद यूनुस सरकार ने पार की सभी हदें । Bangladesh
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
जयपुर अग्निकांड: एक दिन बाद भी नहीं थमा मौत का सिलसिला, मुर्दाघर में लग रही भीड़