बिहार में चुनाव, मगर रांची में सज रहा लालू दरबार, टिकट की चाह में माथा टेकने पहुंचे रहे नेता-एक्टर-अफसर

लालू यादव ने खराब हेल्थ का हवाला देकर बेल भी पाना चाहा था मगर अदालत ने उसे ठुकरा दिया है। कम से कम चुनाव तक तो लालू का जेल से बाहर आना मुश्किल है। ऐसे में लालू रिम्स से चुनाव पर नियंत्रण और निगरानी करना चाहते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 1, 2020 6:05 AM IST

पटना। विधानसभा के चुनाव बिहार में होने वाले हैं, लेकिन उसका असर झारखंड के रांची में नजर आ रहा है। दरअसल, आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा काट रहे हैं। हाल ही में उन्हें खराब तबियत के बाद रिम्स में भर्ती कराया गया था। लेकिन यहां लालू का दरबार लगने की खबरें आ रही हैं। वे लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। ये मुलाकातें राजनीतिक हैं। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब जेल मैनुअल के खिलाफ लालू के दरबार पर सवाल उठे हैं। 

इस बार बिहार के महागठबंधन के नेताओं समेत आरजेडी का टिकट पाने वाले दावेदारों की मंजिल पटना में लालू फैमिली के बंगले की बजाय रांची का अस्पताल है। यहां रोजाना बड़ी संख्या में दावेदार लालू से मुलाकात की आस में पहुंचते दिख रहे हैं। राजनीति में आने का ख्वाब देख रहे कुछ अफसर और अभिनेता भी टिकट की चाह में रांची के रिम्स निदेशक के आवास के बाहर नजर आ रहे हैं। 

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फिल्मी सितारे भी पहुंच रहे 
बॉलीवुड एक्टर अली खान भी सोमवार को रिम्स निदेशक के आवास के बाहर दिखे। नेता अपना बायोडाटा लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन मीडिया की ओर से सवाल पूछने पर बताया जाता है कि वो बस लालू की तबियत जानने यहां पहुंचे हैं। लालू के बंगले के बाहर भीड़ देखी जा रही है। दबी जुबान लोग यह कहने लगे हैं कि बिहार चुनाव की वजह से रिम्स में लालू ने "हेडक्वार्टर" बना लिया है। विपक्ष नियमों का हवाला देकर इसकी आलोचना भी कर रहा है। 

रिम्स से बिहार की राजनीति को डील कर रहे लालू 
यह आरजेडी के इतिहास में पहला चुनाव है जब लालू यादव बिहार से बाहर हैं। और पार्टी को जमीन पर पूरा अभियान उनके बिना ही पूरा करना होगा। हालांकि अब भी पार्टी के सर्वेसर्वा वही हैं। किसे टिकट मिलेगा, कौन पार्टी में आएगा, पार्टी की स्ट्रेटजी क्या होगी, महागठबंधन के साथ सीटों का बंटवारा किस तरह होगा ये सभी प्रक्रिया लालू की निगरानी और रजामंदी से हो रही है। लालू यादव ने खराब हेल्थ का हवाला देकर बेल भी पाना चाहा था मगर अदालत ने उसे ठुकरा दिया है। कम से कम चुनाव तक तो लालू का जेल से बाहर आना मुश्किल है। ऐसे में लालू रिम्स से चुनाव पर नियंत्रण और निगरानी करना चाहते हैं। 

 

रिपोर्ट्स के बाद अफसरों की फजीहत 
कुछ दिन पहले लालू के बड़े बेटे और विधायक तेजप्रताप यादव भी पिता से मुलाकात करने रिम्स पहुंचे थे। महागठबंधन में शामिल आरएलएसपी चीफ उपेंद्र कुशवाहा भी उनसे मिलने आए थे। हालांकि ये मुलाकातें भी राजनीतिक वजहों से थी मगर लोगों ने यही बताया कि लालू की तबियत का हाल जानने के लिए यहां पहुंचे है। इस बीच झारखंड की राजनीति में भी ये मामला गरमाने लगा है। मीडिया भी अब इस मुद्दे में बढ़ चढ़कर दिलचस्पी लेने लगा है। कई रिपोर्ट्स के बाद रांची प्रशासन हरकत में आ गया है। सोमवार को अफसरों ने जहां लालू रुके हैं वहां का जायजा लिया। अफसरों ने सुरक्षा में तैनात अफसरों को साफ निर्देश दिया कि अगर किसी ने उनकी मौजूदगी में लालू से मुलाकात की तो कार्रवाई की जाएगी। 

लोगों की भीड़ रोकने के लिए पुलिस करे व्यवस्था 
उधर, जेल आयुक्त ने भी पुलिस से कहा है कि वो इस बात की व्यवस्था करें कि लालू यादव के बंगले के बाहर लोगों की भीड़ न लगे। नियमों के मुताबिक बहुत जरूरी होने पर ही जेल अधीक्षक की अनुमति के बाद कोई लालू यादव से मुलाकात कर सकता है। कोरोना संक्रमण का भी खतरा है। लालू से मिलने आए तेजप्रताप को भी टेस्ट के बाद ही पिता से मुलाकात की इजाजत दी गई थी। बताते चलें की झारखंड में हेमंत सोरेन की झामुमो सरकार है। झारखंड में आरजेडी-झामुमो राजनीतिक सहयोगी हैं। 

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