जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा को 7 और मुकेश साहनी की वीआईपी को 9 सीटें दी गई हैं। साहनी महागठबंधन छोड़कर आए हैं और पहले भी एनडीए में बीजेपी के साथ रह चुके हैं।
पटना। बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए आखिरकार सत्ता में काबिज एनडीए के सहयोगी दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। पटना में शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीटों के बंटवारे की घोषणा की गई है। इस बार जेडीयू 115, बीजेपी 112 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा को 7 सीटें दी गई हैं।चर्चा है कि मुकेश साहनी की वीआईपी को 9 सीटें दी जाएंगी।
साहनी महागठबंधन छोड़कर आए हैं और पहले भी एनडीए में बीजेपी के साथ रह चुके हैं। साहनी को एलजेपी के जाने के बाद लाया गया है। वो चिराग पासवान से हुए नुकसान की भरपाई करेंगे। साहनी को सीटें बीजेपी के कोटे से जबकि मांझी को जेडीयू के हिस्से से सीटें मिली हैं। हालांकि एनडीए की अनाउंसमेंट में मुकेश साहनी मौजूद नहीं थे।
मुकेश साहनी क्यों मौजूद नहीं थे यह पता नहीं चल पाया है। बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट संजय जायसवाल ने कहा- "बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन अटूट है। साथ ही VIP से सकारात्मक बातचीत चल रही है। बिहार में नीतीश कुमार जी ही NDA का चेहरा हैं। उनकी बिना अनुमति के NDA में न कोई आ सकता है न जा सकता है।"
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एनडीए नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीटों का बंटवारा हुआ। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, बीजेपी के चुनाव प्रभारी देवेन्द्र फडणवीस, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल मौजूद थे।
चिराग पर नीतीश-बीजेपी ने क्या बोला?
बंटवारे का ऐलान करते हुए नीतीश कुमार ने चिराग के प्रवासी मुद्दे पर निशाना साधा। बंटवारे में देरी को लेकर नीतीश ने कहा- यह पहले ही हो चुका था। एनडीए एकजुट है और अहम सब मिलकर सरकार जीत हासिल करेंगे। उन्होंने कहा- "मैं प्रवासी शब्द का पक्षधर नहीं हूं। कोई कहीं जाता है तो उसे प्रवासी कहना ठीक नहीं है। बिहार में क्या दूसरे राज्यों के लोग नहीं हैं। केरल के लोग या महाराष्ट्र के लोग बिहार में नहीं हैं क्या? कोई (चिराग पासवान) बोलता है तो बोलता रहे। हम सब उसके बोलने पर आनंद लेते हैं।
चिराग पर सामने आई बीजेपी की सफाई
चिराग एपिसोड पर बीजेपी ने सफाई पेश की। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने साफ किया कि एनडीए का नेतृत्व नीतीश के हाथ में है। उनका नेतृत्व मानने वाले ही बिहार एनडीए में रहेंगे। एनडीए नेताओं ने यह भी बताया कि प्रत्याशियों के नाम का ऐलान जल्द कर दिया जाएगा। 2015 में जेडीयू एनडीए से अलग आरजेडी-कांग्रेस के साथ थी। बीजेपी की बुरी हार हुई थी। लेकिन बाद में नीतीश एनडीए में चले आए थे। उससे पहले 2010 में बीजेपी-जेडीयू ने साथ चुनाव लड़ा था। बीजेपी 102 तो जेडीयू के खाते में 141 सीटें थीं। नतीजों में जेडीयू ने 115 पर बीजेपी ने 91 पर जीत हासिल कर सरकार बनाई थी।