न्याय के साथ तरक्की-नीतीश की बात पक्की; बिहार में चुनावी जंग से पहले ही पॉपुलर हो रहे ऐसे-ऐसे नारे

उत्तर भारत के हिन्दी पट्टी में तो बिना नारों के चुनाव की कल्पना भी नहीं हो सकती, चुनाव भले ही पंचायत के हों। खासकर यूपी और बिहार में पार्टियां खुद नारा गढ़ती ही हैं वहीं उनके समर्थक भी कई लोकप्रिय नारे बना देते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 4, 2020 2:43 PM IST / Updated: Sep 04 2020, 08:24 PM IST

पटना। देश में कोई चुनाव हो और नारे, स्लोगन न बने भला ऐसे कैसे हो सकता है। राजनीतिक हार-जीत में इन नारों का बड़ा योगदान होता है। यही वजह है कि चुनाव में भाग ले रही तमाम पार्टियां दिलचस्प नारे गढ़ती हैं जो चुनाव में उनके एजेंडा को सीधे जनता तक पहुंचाती हैं। उत्तर भारत के हिन्दी पट्टी में तो बिना नारों के चुनाव की कल्पना भी नहीं हो सकती, चुनाव भले ही पंचायत के हों। खासकर यूपी और बिहार में पार्टियां खुद नारा गढ़ती ही हैं वहीं उनके समर्थक भी कई लोकप्रिय नारे बना देते हैं। 

चुनाव आयोग ने बिहार में नवंबर के आखिर तक चुनाव करवाने का ऐलान किया है। वैसे पार्टियां और गठबंधन काफी पहले से ही 243 सीटों के लिए अभियान शुरू कर चुकी हैं। स्ट्रेटजी बना रही हैं। पार्टियों ने कई दिलचस्प नारे भी बना लिए हैं। हम बिहार विधानसभा चुनाव के लिए ऐसे ही कुछ दिलचस्प नारों की जानकारी दे रहे हैं जो सामने आ रहे हैं। 

 

बिहार में एनडीए की सरकार है और जेडीयू से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। जेडीयू ने नीतीश सरकार के कामकाज और स्वच्छ छवि को ही नारों और स्लोगन में प्रमुखता दी है। "न्याय के साथ तरक्की-नीतीश की बात पक्की" ऐसा ही स्लोगन है जिसे 7 सितंबर को नीतीश की वर्चुअल रैली के लिए बनाया गया है। इसके अलावा पार्टी के जो स्लोगन अभी बिहार में नजर आ रहे हैं, उनमें "बिहार के नाम नीतीश के काम", "नीतीश में विश्वास बिहार में विकास" और "विकसित बिहार नीतीश कुमार" प्रमुख हैं। 

 

बिहार में एनडीए की सरकार में बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी डिप्टी सीएम हैं। बीजेपी राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम और चेहरे पर ही चुनाव लड़ती नजर आ रही है। पार्टी की स्ट्रेटजी भी इसे पुष्ट करती है। फिलहाल बीजेपी का एक ही स्लोगन बाहर दिखा है, उसमें भी पार्टी का एजेंडा साफ है। स्लोगन है- "आत्मनिर्भर होगा बिहार-भाजपा है तैयार।" 

 

आरजेडी के नेतृत्व में महागठबंधन सत्ता में वापसी के लिए बेचैन है। महागठबंधन और पार्टी का चेहरा लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव हैं। आरजेडी के चुनावी स्लोगन युवा तेजस्वी को ही फोकस करके बनाए गए हैं। इसमें तेजस्वी को विकास से जोड़कर सत्ता में उनकी वापसी की अपील है। 

 

इस बार वामपंथी पार्टियां भी महागठबंधन के साथ हैं। वामपंथी पार्टियों के नारे और स्लोगन हमेशा से ही चर्चा का विषय रहे हैं। वामपंथी पार्टियों के जो स्लोगन फिलहाल नजर आ रहे हैं उसमें भ्रष्टाचार, अपराध का विरोध। मजदूर किसानों का विकास और जनविरोधी नीतीश सरकार को हटाने की बात है। इसी तरह महागठबंधन में कांग्रेस भी बड़े दल के रूप में शामिल है। जाहिर सी बात है कि वो विपक्ष में है। कांग्रेस का नारा बिहार में नीतीश की सरकार को हटाने की बात करता है। 

वैसे चुनावी दंगल अभी शुरू नहीं हुआ है। बिहार में जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा पार्टियों के कई दिलचस्प नारे आपकी कानों तक पहुंचेंगे। 

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