प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले विरोधी दल पर वार करते हुए कहा कि बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है, जब पानी और सीवरेज की मूल जरूरतों को पूरा नहीं किया जाता है, तब सर्वाधिक परेशानी माताओं-बहनों को होती है, गरीबों को होती है। गंदगी से बीमारियां फैलतीं हैं और इलाज के खर्च से परिवार कर्ज तले दब जाता है। ऐसी दिक्कतों से कमाई का एक बड़ा हिस्सा इलाज में खर्च हो जाता है। लेकिन, पिछले 15 सालों से नीतीश कुमार समाज के कमजोर वर्ग का आत्मविश्वास बढ़ाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं।
पटना (Bihar) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपनी तीसरी वर्चुअल रैली में बिहार को सात और सौगात दिए। इनमें से चार जल आपूर्ति, दो सीवरेज ट्रीटमेंट और एक रिवरफ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित हैं। पीएम बिहार की जनता को यह भी समझाने का प्रयास करते दिखे कि कैसे लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के शासनकाल में घोटाले हुए। इतना ही नहीं इंजीनियर डे (Engineer day) पर बिहार का देश के विकास में योगदान का भी जिक्र किया। छठ मइया से लेकर डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhim Rao Ambedkar) को याद करते हुए राजनीतिक समीकरण साधने की भरपूर कोशिश की।
ऐसे किया विरोधी दलों पर हमला
पीएम ने लालू और कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि आजादी के बाद बिहार में एक दौर ऐसा आया, जब बिहार में मूल सुविधाओं के निर्माण के बजाय, प्राथमिकताएं और प्रतिबद्धताएं बदल गईं। राज्य में गवर्नेंस से फोकस ही हट गया। इसका परिणाम ये हुआ कि बिहार के गांव पिछड़ते गए, जो शहर कभी समृद्धि का प्रतीक थे, क्योंकि उनका इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड हो ही नहीं पाया।
मोदी ने कहा, "बिहार में जो भी काम हुए थे वो घोटालों की भेंट चढ़ गए। जब शासन पर भ्रष्टाचार की नीति हावी हो जाती है तो सबसे ज्यादा असर समाज के वंचित और शोषित वर्ग पर पड़ता है।" सरकार की योजनाओं को गिनाते हुए उन्होंने "नमामि गंगे परियोजना" का भी जिक्र किया। बिहार के लोगों से गंगा से जोड़ते हुए कहा, "बिहार के लोगों का तो गंगाजी से बहुत ही गहरा नाता है। गंगा जल की स्वच्छता का सीधा प्रभाव करोड़ों लोगों पर पड़ता है।"
पीएम ने कहा, "गंगा की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए ही बिहार में 6 हजार करोड़ रुपए से अधिक की 50 से ज्यादा परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। सरकार का प्रयास है कि गंगा के किनारे बसे जितने भी शहर हैं, वहां गंदे नालों का पानी सीधे गंगा जी में गिरने से रोका जाए। इसके लिए अनेकों वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटस् और रिवरफ्रंट डेवलप किए जा रहे हैं। छठ का पर्व भी आ रहा है रहा है ऐसे में इस बार छठ मइया के आशीर्वाद से स्वच्छ पानी में स्नान करने के लिए मिले।"
पीएम ने गिनाई 15 साल की उपलब्धियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर वार करते हुए कहा कि बिहार के लोगों ने इस दर्द को दशकों तक सहा है, जब पानी और सीवरेज की मूल जरूरतों को पूरा नहीं किया जाता है तब सर्वाधिक परेशानी माताओं-बहनों को होती है, गरीबों को होती है। गंदगी से बीमारियां फैलतीं हैं और इलाज के खर्च से परिवार कर्ज तले दब जाता है। ऐसी दिक्कतों से कमाई का एक बड़ा हिस्सा इलाज में खर्च हो जाता है। लेकिन, पिछले 15 सालों से नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार समाज के कमजोर वर्ग का आत्मविश्वास बढ़ाने का भरपूर प्रयास कर रही है।
मोदी ने कहा, "नीतीश कुमार ने जिस प्रकार बेटियों की पढ़ाई को, पंचायती राज सहित स्थानीय निकाय में वंचित, शोषित समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी है उससे उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। यही कारण है कि अब केंद्र और बिहार सरकार के साझा प्रयासों से बिहार के हर घर में पीने का पानी और सीवरेज प्लान से फायदा मिला है।"