आरजेडी ने ढाई साल पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि 2020 विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे। ऐसे में महागठबंधन के अन्य घटक दलों में तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं मानने को लेकर जो स्थिति पैदा हुई है वह महागठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं है।
पटना (Bihar)। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। वहीं, अब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार मानने को लेकर महागठबंधन में तकरार हो गई है। महागठबंधन के घटक दल और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने साफ तौर पर कह दिया है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता नहीं हैं।
आरजेडी ने पहले ही कर दी थी घोषणा
आरजेडी ने ढाई साल पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि 2020 विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे। ऐसे में महागठबंधन के अन्य घटक दलों में तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं मानने को लेकर जो स्थिति पैदा हुई है वह महागठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं है।
आरजेडी पर लगा ये आरोप
पार्टी के तरफ से यह भी कहा गया कि महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा यह कॉर्डिनेशन कमेटी में फैसला होगा। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है बिहार विधानसभा चुनाव सिर पर हैं। मगर, आरजेडी के तरफ से महागठबंधन में कॉर्डिनेशन कमेटी बनाने की कोई भी पहल नहीं की गई है ताकि यह पता चले कि महागठबंधन का नेता कौन होगा। आरोप लगाया कि आरजेडी के कुछ तानाशाह नेताओं की वजह से अभी तक महागठबंधन में कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन नहीं हुआ है।
...तो ऐसे ही आएंगे महागठबंधन के परिणाम
दानिश रिजवान ने आरजेडी को लताड़ते हुए इस बात की भी चेतावनी दे डाली कि जिस तरीके से महागठबंधन की 2019 लोकसभा चुनाव में करारी हार हुई थी वैसे ही कुछ नतीजे बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। दानिश रिजवान ने कहा कि अगर आरजेडी के तरफ से कॉर्डिनेशन कमेटी बनाने में देरी होती है तो इसके नतीजे बिहार विधानसभा चुनाव में काफी घातक हो सकते हैं।