बिहार में भ्रष्टाचार के मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, 9 सीओ निलंबित, 12 के विरूद्ध विभागीय जांच

बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम छिड़ गयी है। भूमि से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में सूबे में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। बीते 3 महीने में अब तक 9 सीओ निलंबित किए जा चुके हैं। इसके आलावा 12 लोगों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जा रही है। 

Ujjwal Singh | Published : Nov 30, 2022 12:37 PM IST / Updated: Nov 30 2022, 06:10 PM IST

पटना(Bihar). बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम छिड़ गयी है। भूमि से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में सूबे में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। बीते 3 महीने में अब तक 9 सीओ निलंबित किए जा चुके हैं। इसके आलावा 12 लोगों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जा रही है। बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को विभागीय निगरानी कोषांग की समीक्षा के दौरान इसकी पुष्टि की।  

बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बुधवार को विभागीय निगरानी कोषांग की समीक्षा के दौरान कहा कि सीओ या अन्य अधिकारियों के विरुद्ध मिली सभी शिकायतों की निश्चित समय सीमा के भीतर जांच हो। उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने विभागीय कार्रवाई के जल्द से जल्द निबटारे का भी आदेश दिया। उन्होंने बताया की भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त अंचलाधिकारियों (सीओ) के विरुद्ध निर्णायक दंडात्मक कार्रवाई हो रही है। अगस्त से अब तक नौ सीओ निलंबित हो चुके हैं। 12 के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। 

ये सीओ अब तक किए गए निलंबित 
भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त जिन सीओ के खुलाफ कार्रवाई की गयी है उनमें विजय कुमार, (दाउदनगर),  सुनील कुमार वर्मा (बिहारशरीफ), चंदन कुमार(फुलवारीशरीफ), कुमार कुंदन लाल(गड़हनी), अमित कुमार(ओबरा), उज्जवल कुमार चौबे(कुचायकोट), दिनेश कुमार(काको), विनोद कुमार चौधरी(खिजरसराय) एवं सुरेजश्वर श्रीवास्तव(करगहर) शामिल हैं। इनमें विनोद कुमार चौधरी और दिनेश कुमार को निगरानी ने घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा था। अन्य सीओ का निलंबन संबंधित जिलाधिकारी की अनुशंसा पर हुआ है। 

आम लोगों से जुड़ा हुआ है हमारा विभाग- मंत्री 
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि हमारा विभाग आम लोगों से सीधा जुड़ा हुआ है। सर्व साधारण लोगों, गरीब-लाचारों को कोई परेशानी नहीं हो, उनका काम तय समय सीमा के भीतर हो जाए, इसे लेकर हमें सचेत रहना है। विभागीय अधिकारियों से भी हमारी अपील है कि वे जनहित में राज्य के विकास का काम करें, ताकि विभाग की छवि को बेहतर बनाया जा सके।

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