NIA के वकील ललन प्रसाद सिंह और लोक अभियोजक प्रमोद कुमार के मुताबिक, तीन दोषियों- अहमद अली, पैगंबर शेख और नूर आलम को आजीवन कारावास और पांच अन्य दोषियों- आदिल शेख, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्तफीजुर रहमान और आरिफ हुसैन को 10- 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है।
पटना। बिहार (Bihar) के गया (Gaya) में महाबोधि मंदिर (Bodhgaya temple) में हुए विस्फोट और बमों की बरामदगी मामले में पटना की विशेष नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की स्पेशल कोर्ट ने 47 महीने बाद फैसला सुनाया है। कोर्ट ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के 8 आतंकवादियों को सजा सुनाई। 3 दोषियों को उम्रकैद दी है। जबकि 5 दोषियों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत ने शुक्रवार को सजा का ऐलान किया है। अदालत ने 10 दिसंबर को सभी को अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया था। फिलहाल, सभी दोषी पटना के बेऊर जेल में बंद हैं। 19 जनवरी 2018 को धमाका हुआ था।
NIA के वकील ललन प्रसाद सिंह और लोक अभियोजक प्रमोद कुमार के मुताबिक, तीन दोषियों- अहमद अली, पैगंबर शेख और नूर आलम को आजीवन कारावास और पांच अन्य दोषियों- आदिल शेख, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्तफीजुर रहमान और आरिफ हुसैन को 10- 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि 10 दिसंबर को सभी आठों दोषियों ने अपराध कबूल कर लिया था। इन सभी को आईपीसी की विभिन्न धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया है। मामले में 9वें आरोपी जाहिद उल इस्लाम ने अपना जुर्म नहीं कबूला है। उसके खिलाफ सुनवाई जारी रहेगी।
दलाई लामा के जाने बाद हुआ था धमाका
मामला 19 जनवरी 2018 का है। बौद्ध तीर्थ स्थल बोधगया में तिब्बती बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा का धर्मोपदेश कार्यक्रम था। इसमें तत्कालीन बिहार के राज्यपाल भी आए थे। दलाई लामा के जाने के कुछ घंटे बाद हुए एक बम विस्फोट हुआ था। आठों दोषियों ने दलाई लामा और राज्यपाल की यात्रा के दौरान मंदिर परिसर और आसपास तीन IED लगाकर बड़ी घटना की साजिश रची थी। इसी दिन महाबोधि मंदिर में बौद्ध धर्मावलंबियों की निगमा पूजा का आयोजन था। इसमें दलाई लामा भी शामिल हुए थे। कालचक्र मैदान के गेट नंबर पांच पर पाया गया पहला IED निष्क्रिय किए जाने दौरान फट गया था। श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर 4 की सीढ़ियों से दो और IED बरामद किए गए थे। NIA ने जांच के दौरान अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने के बाद 9 के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। सुनवाई के दौरान 8 दोषियों ने जुर्म स्वीकार कर लिया था। बता दें कि विशेष कोर्ट ने इन सभी आठों अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 121, 121 ए, 122, 123 व 471 भादवि, 16,18, 20 यूएपी एक्ट और 4-5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी पाया और सजा का ऐलान किया है।
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