सार
नाबालिग से रेप के मामले में कोर्ट ने राजबल्लभ को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इस समय जेल की सजा काट रहे हैं। घटना के बाद यादव को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, 2020 में पार्टी ने उनकी पत्नी विभा देवी यादव को टिकट दिया और वह विधायक बन गईं। फिलहाल, सजायाफ्ता यादव के नियमों के खिलाफ जाकर जनता दरबार लगाए जाने से सरकार को घेरा जा रहा है।
पटना। बिहार (Bihar) में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के राज में रेपिस्ट नेता के जनता दरबार लगाए जाने से सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। दरअसल, सोमवार को नाबालिग से रेप केस में दोषी RJD के पूर्व विधायक राज बल्लभ यादव (Rajballabh Yadav) ने नियमों के खिलाफ जाकर पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान परिसर में जनता दरबार लगाया और लोगों की समस्याएं सुनी। इतना ही नहीं, राज बल्लभ की विधायक पत्नी विभा देवी यादव भी वहां मिलने पहुंचीं और जनता दरबार में साथ दिखाई दीं। उनसे कई स्थानीय नेता भी मुलाकात करने पहुंचे। राजबल्लभ यहां आईजीआईएसएस (IGIMS) अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंचे थे।
नाबालिग से रेप के मामले में कोर्ट ने राजबल्लभ को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इस समय जेल की सजा काट रहे हैं। घटना के बाद यादव को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, 2020 में पार्टी ने उनकी पत्नी विभा देवी यादव को टिकट दिया और वह विधायक बन गईं। फिलहाल, सजायाफ्ता यादव के नियमों के खिलाफ जाकर जनता दरबार लगाए जाने से सरकार को घेरा जा रहा है। राजबल्लभ इस समय बिहारशरीफ जेल में बंद हैं। सोमवार को वह अपना चेकअप कराने का बहाना बनाकर पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचे थे, जहां पर उनका मजमा सजा देखा गया।
विधायक विभा देवी पहले ही पहुंच गई थीं
बताते हैं कि अस्पताल पहुंचने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने राजबल्लभ यादव को आजाद छोड़ दिया और वह अस्पताल परिसर में अपने क्षेत्र के लोगों से मिलते-जुलते और घूमते नजर आए। राजबल्लभ से मुलाकात करने के लिए उनकी विधायक पत्नी विभा देवी पहले से मौजूद थीं। सजायाफ्ता कैदी के दरबार का वीडियो वायरल होने के बाद ये साफ हो गया है कि राजबल्लभ के साथ जो पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे थे, उन्होंने भी ड्यूटी का पालन नहीं किया और रेप के दोषी को मनमानी करने की इजाजत दी।
ये है पूरा मामला
नवादा जिले के इंग्लिश पथरा गांव स्थित विधायक आवास में 15 साल की लड़की को पूरी रात बंधक बनाकर रखा गया था और उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया गया था। इस केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके एक दिन बाद 9 नवंबर 2016 को बिहार के नालंदा जिले में राज बल्लभ यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया था। बाद में 30 सितंबर 2016 को पटना हाईकोर्ट ने राजद विधायक को जमानत दे दी थी, लेकिन बाद में 8 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए बेल को खारिज कर दिया। मामले में 2016 में पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश परशुराम यादव ने राज बल्लभ समेत पांच लोगों को दोषी पाया था। इस केस में दोषियों को 21 दिसंबर 2016 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। घटना के बाद राजद ने राजबल्लभ को पार्टी से सस्पेंड कर दिया था। हालांकि, बाद में 2020 के चुनाव में पार्टी ने उनकी पत्नी विभा देवी को टिकट दिया था और वह विधायक बन गईं।
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