तो इस वजह से 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड से रिजेक्ट हुई बिहार की झांकी

प्रत्येक साल 26 जनवरी के मौके पर राजपथ पर देश के विभिन्न राज्यों, सेना और विभागों की झांकी निकाली जाती है। लेकिन इस वर्ष निकाली जाने वाली झांकी में बिहार की झांकी शामिल नहीं होगी। रक्षा मंत्रालय ने बिहार के थीम को रिजेक्ट कर दिया है। 

पटना। गणतंत्रता दिवस के मौके पर प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को दिल्ली के राजपथ पर देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ सेना और अन्य विभागों की झांकी निकलती है। लेकिन इस वर्ष में राजपथ पर गणतंत्रता दिवस की परेड में बिहार की झांकी शामिल नहीं होगी। बिहार सरकार की ओर से भेजी गई झांकी की थीम को रक्षा मंत्रालय की कमेटी ने खारिज कर दिया है। बता दें कि लगातर दूसरे वर्ष बिहार की झांकी राजपथ पर नहीं दिखेगी। इससे पहले 2019 में भी बिहार की थीम को खारिज कर दिया गया था।

राजद ने किया विरोध, राबड़ी ने भी सका तंज
थीम रिजेक्ट होने से बिहार सरकार के अधिकारियों के साथ-साथ लोगों में भी निराशा है। उल्लेखनीय है कि इस झांकी को लाइव देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं। इसके अलावा करोड़ों लोग इसे टेलीविजन और इटरनेट के माध्यम से देखते है। बिहार की थीम को रिजेक्ट करने को मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने बिहार के साथ नाइंसाफी बताया है। राजद की ओर से ट्वीट कर लिखा गया कि शराबबंदी पर बिहार की झांकी को 2019 के दिल्ली के गणतंत्र दिवस समारोह में दिखाने से मना कर दिया गया। जल,जीवन,हरियाली पर बिहार सरकार की झांकी को 2020 के गणतंत्र दिवस समारोह में दिखाने से मना कर दिया गया। सीधे-सीधे बताओ कि बिहार को बेइज्जत कर रहे हो या नीतीश को या दोनों को?

Latest Videos

24500 करोड़ की लागत से हो रहा काम
उल्लेखनीय हो कि इस वर्ष बिहार सरकार की ओर से जल जीवन हरियाली योजना की थीम झांकी के लिए भेजी गई थी। 24500 करोड़ रुपए की लागत से पूरे राज्य में चल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर बनी झांकी को केंद्र की ओर से गठित कमेटी ने ठुकरा दिया है। इसे राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार के लिए झटका बताया है। राबड़ी देवी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 24500 करोड़ के जल-जीवन हरियाली घोटाले को सही ठहराते हुए केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस पर इसकी झाँकी को नहीं शामिल करने का निर्णय किया है। विगत वर्ष भी शराबबंदी की झाँकी को मना किया था क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति इसकी सच्चाई और नतीजों से अवगत है। 

क्या है थीम को रिजेक्ट करने का क्राइटेरिया
आप जानना चाहते होंगे कि आखिर किसी थीम को रिजेक्ट करने का क्राइटेरिया क्या है? बता दें राज्यों की झांकियों की मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय में सेलेक्शन कमेटी है। तीन स्तर पर जांच होती है। राष्ट्रीय एकता, अंतरराष्ट्रीय स्तर की ब्रांडिंग और मनोहारी दृश्यों वाली झांकियों को ज्यादा महत्व दिया जाता है। बिहार सरकार ने कमेटी के पास अपने थीम का प्रस्ताव पिछले साल सितंबर महीने में ही रक्षा मंत्रालय के पास भेजा था। रक्षा मंत्रालय ही गणतंत्र दिवस परेड का नोडल मंत्रालय है। मंत्रालय की ओर से सूचित किया गया कि बिहार का प्रस्ताव गणतंत्र दिवस की परेड के लिए पहले से तय क्राइटेरिया को पूरा नहीं करता है। बिहार के अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय की कमेटी ने पर्यावरण के लिए बिहार की पहल की सराहना की लेकिन झांकी के प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया। 
 

Share this article
click me!

Latest Videos

UPPSC Student Protest: प्रयागराज में क्या है छात्रों की प्रमुख मांग, चौथे भी डटे हुए हैं अभ्यर्थी
वोटिंग के बीच नरेश मीणा ने SDM को ही मार दिया थप्पड़, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच
SDM थप्पड़कांड के बाद हर तरफ बवाल, ठप हो गया राजस्थान और नरेश मीणा को घसीटते हुए ले गई पुलिस
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल
Dehradun Car Accident: 13 दिन ली गई कार बनी 6 दोस्तों के लिए 'काल', सामने आया सबसे बड़ा सवाल