मंगलवार दोपहर बाद बिहार में मौसम ने अचानक अपना मिजाज बदला। तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई। रबी की तैयार हो रही फसल के इस समय हुई बेमौसम की ये बरसात काफी घातक कही जा रही है। राज्य के अलग-अलग जिलों में ठनका गिरने और उसके चपेट में आने से सात लोगों की मौत हो गई।
पटना। आम तौर पर इस मौसम में बरसात नहीं होती। लेकिन अब मौसम पुरानी परंपरा को तोड़कर किसी भी समय अपना मिजाज बदल देता है। मंगलवार को इसका नजारा बिहार में देखने को मिला। मंगलवार दोपहर बाद बिहार के कई जिलों में मौसम ने अपना मिजाज अचानक से बदला। तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई। रबी की तैयार हो रही फसल के इस समय हुई बेमौसम की ये बरसात काफी घातक कही जा रही है। राज्य के अलग-अलग जिलों में ठनका गिरने और उसके चपेट में आने से सात लोगों की मौत हो गई।
सबसे ज्यादा मुंगेर में तबाही, तीन की मौत
मिली जानकारी के अनुसार बिहार के छपरा जिले में वज्रपात की चपेट में आने से एक शख्स की मौत हो गई। ये घटना जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र के पांडेयपुर छपरा गांव में हुई। ठनका का चपेट सबसे ज्यादा बिहार के मुंगेर जिले में देखने को मिला। जहां के गंगटा एक महिला और दो युवती सहित तीन लोगों की जबकि 25 मवेशियों की मौत ठनके के चपेट में आने से हो गई। मुंगेर के पड़ोसी जिले बांका के अमरपुर थाना के महादेवपुर गांव में वज्रपात से किसान की मौत होने की सूचना मिली। बांका में मरे किसान की पहचान महादेवपुर के जयप्रकाश मांझी के रूप में हुई है।
गेहूं और सरसो की फसल को पहुंचा नुकसान
इसके अलावा गोपालगंज जिले में वज्रपात से दो लोगों की मौत की सूचना मिल रही है। गोपालगंज में ये घटना थावे के चौराव में चिमनी भट्ठा के पास हुई। बेमौसम हुई इस बारिश से गेहूं की फसल कई जगहों पर काफी नुकसान पहुंचा है। गेहूं के फसल में दाना आ चुका है। हवा के साथ हुई बारिश के कारण गेहूं की फसल गिर गई। विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं के गिर जाने के दाना पुष्ट नहीं होगे। साथ ही गिर चुके फसल को चूहे भी खा जाएंगे। इससे सरसों की पक चुकी फसल को नुकसान पहुंचा है।