लोगों के पाप धोते-धोते मैली हो गई थीं गंगा, लॉकडाउन में स्वच्छ; दिखने लगीं डॉल्फिन-मछलियां

फैक्ट्रियों के बंद होने से नदियों का पानी पहले के मुक़ाबले काफी स्वच्छ हुआ है। गंगा नदी पर लॉकडाउन के अच्छे असर को देखा जा सकता है। 

Asianet News Hindi | Published : May 13, 2020 10:41 AM IST

मुंगेर। कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन में बहुत आर्थिक नुकसान हुए हैं मगर प्रकृति को इसका जबरदस्त फायदा मिला है। हवा में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है और फैक्ट्रियों के बंद होने से नदियों का पानी भी पहले के मुक़ाबले काफी स्वच्छ हुआ है। गंगा नदी पर लॉकडाउन के अच्छे असर को देखा जा सकता है। 

50 से ज्यादा दिनों के लॉकडाउन में गंगा अब निर्मल और स्वच्छ हैं। अब गंगा का पानी इतना साफ है कि इसमें डॉल्फिन भी दिखने लगी हैं। दरअसल, लॉकडाउन के बाद फैक्ट्रियों का कचरा गंगा में आने से रुक गया था। इससे गंगा का पानी पहले के मुक़ाबले काफी साफ गया। गांगेय डॉल्फिन साफ पानी में रहती हैं। मगर पानी में प्रदूषण की वजह से उनका दिखना बंद हो गया था। 

प्रदूषण कम हुआ और साफ हो गईं गंगा 
यहां के आसपास के क्षेत्र में अब गांगेय डॉल्फिन दिखने लगी हैं और मछलियों का झुंड भी खूब दिखाई दे रहा है। मुंगेर रेंज के डीएफओ नीरज नारायण ने कहा कि लॉकडाउन में गंगा का प्रदूषण कम हुआ है। नावों का परिचालन भी रुका है। इससे गंगा साफ हुई हैं। डॉल्फिन के साथ दूसरे जलीय जीव, गंगा में नजर आ रहे हैं। मुंगेर जिले में गंगा का जल 80 प्रतिशत शुद्ध हो गया है। 

आसपास के लोग खुश 
इसका एक कारण ये भी है कि गंगा किनारे मंदिर और पूजा स्थलों में लोगों का आना भी बंद हो गया है। गंगा में पूजा सामग्री फेंकना और स्नान भी लगभग बंद या कम हो गया है। आसपास के लोग गंगा में स्वच्छता देखकर काफी खुश हैं। 

(फाइल फोटो)

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