6 दिन तक पति-पत्नी को नसीब नहीं हुआ खाना, कुत्ते-बकरी के साथ खुद को ऐसे रखा जिंदा

बिहार में आसमान से गिरी बारिश अब लोगों के लिए ऐसे मुसीबत बनेगी कि किसी ने सोचा भी नहीं था। रोज पीड़ितों की नई-नई दर्दभरी कहानियां सामने आ रहीं हैं। ऐसी ही एक कहानी पति पत्नी की सामने आई है जहां वह पिछले 12 दिन से बाढ़ में फंसे हुए थे।

Asianet News Hindi | Published : Oct 2, 2019 7:51 AM IST / Updated: Oct 02 2019, 01:28 PM IST

पटना. बिहार में आसमान से गिरी बारिश अब लोगों के लिए ऐसे मुसीबत बनेगी कि किसी ने सोचा भी नहीं था। बाढ़ की वजह से राज्य में हजारों लोगों का अपने घरों से निकलना तो दूर उन्हें ना तो पीने का पानी नसीब हो रहा है और ना ही उनको खाने को रोटी मिल रहीं हैं। रोज पीड़ितों की नई-नई दर्दभरी कहानियां सामने आ रहीं हैं। ऐसी ही एक कहानी पति पत्नी की सामने आई है जहां वह पिछले 12 दिन से बाढ़ में फंसे हुए थे।

पति-पत्नी 12 दिन तक बाढ़ में फंसे रहे
मुंगेर जिले में एक दंपित पिछले 12 दिन से अपने ही घर में मूसलाधार बारिश की वजह से फंसे हुए थे। जिन पति-पत्नी ने इस भयाभय मंजर के हालात का सामना किया है उनका नाम है उमाकांत पासवान और उनकी पत्नी गीता देवी। इस दंपति को 6 तक अनाज का एक दाना भी खाने को नसीब नहीं हुआ था। जब उनके गांव में पानी गिरना शुरु हुआ तो उनको लगा यह पानी एक या दो दिन में उतर जाएगा। लेकिन धीरे-धीरे उनके हालात बिगड़ते चले गए।

4 से 5 दिन तक सूखा चूड़ा खाकर रखा जिंदा
दंपति अपने पशुओं बकरी, कुत्ता, खरगोश को छोड़कर कहीं जाने को तैयार नहीं थे। आखिर में वह बाढ़ में फंस गए, जब उनका घर डूबने लगा तो उनको छत पर शरण लेना पड़ा। पति-पत्नी ने चार-पांच दिन तक छत पर ही रातें गुजारी और सूखा चूड़ा खाकर अपने आप को जिंदा रखा। 

बेटे ने दिल्ली से आकर माता-पिता को निकाला
दिल्ली में रहने वाले उनके बेटे को जब बाढ़ की खबर लगी तो उसने माता-पिता का हाल जानने के लिए फोन किया लेकिन, बात नहीं हो सकी। फिर किसी तरह बेटा दिल्ली से अपने गांव तक पहुंचा। तब उसने इसकी जानकारी मीडिया और एनडीआरएफ टीम को दी। फिर कहीं जाकर दंपति को निकालने की कोशिश शुरू की और मंगलवार निकाल लिया गया।
 

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