निधन: अर्थशास्त्र के प्रोफेसर ने तीन बार संभाली थी बिहार सीएम की कुर्सी, ऐसा था राजनीतिक सफर

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे डॉ जगन्नाथ मिश्रा का सोमवार सुबह दिल्ली में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 19, 2019 7:49 AM IST / Updated: Aug 19 2019, 02:08 PM IST

पटना. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे 82 साल के डॉ जगन्नाथ मिश्रा का सोमवार सुबह दिल्ली में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।  राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक रखा गया है।  

उनके निधन पर बिहार के कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। कैबिनेट मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के निधन की खबर सुनकर काफी दुःख हुआ। इनके निधन से बिहार ने एक सपूत खो दिया है। वहीं तेजस्वी यादव ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। नंद किशोर यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। वहीं गिरिराज सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का निधन हो गया है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। 

इकोनोमिक्स के प्रोफेसर थे

प्रोफेसर के रूप में अपने करियर की शुरूआत करने वाले डॉ जगन्नाथ मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। वे बिहार यूनिवर्सिटी में इकोनोमिक्स के प्रोफेसर थे। वे साल 1975, 1980, और 1989 में बिहार के मुख्यमंत्री बने।

बड़े भाई थे रेलमंत्री

उन्हें राजनीति विरासत में मिली थी। उनके बड़े भाई ललित नारायण मिश्रा कांग्रेस सरकार में साल 1973 से 1975 के बीच रेलमंत्री रहे थे। प्रोफेसर रहते ही कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से थे। वे बिहार के आखिरी कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे। उनके कांग्रेस छोड़ने के बाद ही बिहार में कांग्रेस पार्टी फिर कभी सत्ता में नहीं लौटी। कांग्रेस छोड़ने के बाद वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे।

चारा घोटाले मामले में जाना पड़ा था जेल

सीबीआई ने सितंबर 2013 में चारा घोटाले मामले में 44 लोगों को आरोपी ठहराया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का नाम भी शामिल था। इसमें करीबन 4 साल की जेल और 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। हालांकि बाद में उन्हें आरोपों से बरी कर दिया गया।  
 

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