पूरा बिहार इन दिनों ठंड के चपेट में है। तीन दिन पहले हुई हल्की बारिश के बाद ठंड अचानक काफी बढ़ गया है। जिससे जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित है।
पटना। पूरा बिहार इन दिनों ठंड के चपेट में है। तीन दिन पहले हुई हल्की बारिश के बाद ठंड अचानक काफी बढ़ गया है। जिससे जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हिमायली राज्यों में हुई बर्फबारी और वहां से आ रही बर्फीली हवा ने सूबे में ठंड को बढ़ाया है। लगातार पछुआ हवा बहने से कनकनी बढ़ गई है। शाम सात बजे के बाद बाजार बंद हो जा रही है। ठंड से बचाव के लिए कई जिलों में स्कूल बंद कर दिया गया है। वहीं कई जिलों में स्कूल की टाइमिंग को बदल दिया गया है। पटना, गया, मुजफ्फरपुर, सुपौल, भागलुपर, पूर्णिया जैसे जिलों में तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
हल्की धुप से मिली राहत पर पछुआ हवा जानलेवा
शुक्रवार को हल्की धुप निकलने से लोगों को राहत मिली लेकिन धुप के साथ-साथ 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बह रही पछुआ हवा ने जनजीवन को बुरी तरीके से अस्त व्यस्त कर दिया है। मौसम पूर्वानुमान में रविवार तक ठंड से कोई राहत नहीं मिलने की संभावना जताई गई है। तापमान में सामान्य से तीन डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई है। भागलपुर का न्यूनतम तापमान गुरुवार को 8.6 जबकि मुजफ्फरपुर का 9.2 पर पहुंच गया था। गुरुवार को बिहार का डेहरी सबसे ठंडा जगह रहा, जहां न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
कैमुर में 22 दिसंबर तक स्कूल बंद
ठंड से बच्चों पर निमोनिया का खतरा है। ऐसे में बचाव के मद्देनजर कई जिलों के डीएम ने स्कूल बंद करने का निर्देश जारी कर दिया है। भागलपुर और छपरा में 20 तक, रोहतास, बक्सर, सीवान, मधुबनी और दरभंगा में 21 तक जबकि कैमुर जिले में 22 दिसंबर तक स्कूलों को बंद कर दिया गया है। ठंड से बचाव के लिए कई शहरों में अलाव की व्यवस्था शुरू की गई है। लेकिन मुंगेर, लखीसराय, बांका सहित कई जिलों में अबतक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे फुटपाथ पर रात बिताने वाले गरीब लोगों को काफी परेशानी उठाना पड़ रहा है।