बीते गुरुवार को बेंगलुरू में आयोजित किसान सम्मान समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से हाथों बिहार के मुंगेर जिले के किसान तरुण विकास को सम्मानित किया गया। तरुण ने 68 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं का उत्पादन कर कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त किया।
मुंगेर। ज्यादातर लोग खेती को घाटे का सौदा मानते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी है जो तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए खेती से न केवल आजीविका कमा रहे हैं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी हो रहे है। कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर मुंगेर के धरहरा प्रखंड के किसान तरुण कुमार विकास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया है। उन्हें यह पुरस्कार बिहार सरकार के अनुमोदन पर वित्तीय वर्ष 2017-18 में गेहूं के बेहतर उत्पादन के लिए भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा दिया गया। गुरुवार को बेंगलुरू में आयोजित किसान सम्मान समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धरहरा प्रखंड के इटवा ग्राम पंचायत के पचरुखी गांव निवासी अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक मदन प्रसाद सिंह के पुत्र किसान तरुण कुमार विकास को दो लाख रुपये नगद एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
खेती के साथ बागवानी भी करते हैं तरुण
किसान ने प्रति हेक्टेयर 68 क्विंटल गेहूं का उत्पादन कर यह सम्मान प्राप्त किया। वर्ष 2010 में कृषक तरुण कुमार विकास ने रोजगार के लिए कृषि का चयन किया। पूरी लगन और मेहनत के बदौलत 2011 में श्री विधि से धान की बुआई कर जिला में सर्वाधिक उत्पादन की सूची में अपना नाम दर्ज कराया। तरुण बताते हैं कि वह खेती के साथ बागवानी एवं मत्स्य पालन भी करते हैं। बागवानी में आम, अमरूद, नींबू सहित कई पौधे लगाए हैं। जिसकी जैविक तरीके से बागवानी करते हैं, जिससे काफी लाभ मिला है।
परिवार संग करते हैं खेती, अन्य किसानों को भी देते हैं सलाह
तरुण ने बताया कि खेती व बागवानी से सालाना 60 से 70 हजार रुपए आय हो जाती है। जिससे वह अपना भरण पोषण अच्छे तरीके से कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि खेती में उनका सहयोग उनके पिता, भाई के साथ पत्नी भी करती है। यही नहीं अपने आसपास के किसान भलार निवासी आनंद मोहन, मुन्ना सिंह, शशि सिंह, पचरुखी निवासी संतोष सिंह, इंदू देवी सहित दर्जनों किसानों को जैविक खेती कर फसल की पैदावार में वृद्धि का गुड़ भी बता चुके हैं।
श्रीराम सुपर 303 बीज से पाई रिकॉर्ड पैदावार
प्रति हेक्टेयर 68 क्विंटल गेहूं के उत्पादन के बारे में उन्होंने बताया श्रीराम सुपर 303 बीज का उपचार कर खेतों में जीरो टिलेज से बीज लगाया और समय पर सिंचाई के साथ-साथ जैविक खाद डाली थी। जिसके कारण उनके खेतों में गेहूं की पैदावार अधिक हुई। बताते चलें कि वर्ष 2010 में किसान तरुण ने रोजगार के लिए कृषि का चयन किया। पूरी लगन और मेहनत के बदौलत 2011 में श्री विधि से धान की बुआई कर जिला में सर्वाधिक उत्पादन की सूची में अपना नाम दर्ज कराया।