बिहार में महागठबंधन से सीएम नितीश कुमार ने नई सरकार बनाई, जिसमें 7 दल है, सभी को खुश करने के चक्कर में अपनी ही पार्टी के नेताओं को किया खफा। उनसे कहा- सभी को मंत्री नहीं बना सकते। जिसको जहां जाना हो जाए।
पटना (बिहार). बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से ही विपक्ष तो नीतीश कुमार और सरकार पर निशाना साध ही रही है। वहीं मत्री मंडल के विस्तार के बाद जदयू के अपने विधायक भी खुलकर विरोध करने लगे। जदयू की विधायक बीमा भारती ने मंत्री बने लेसी सिंह पर आरोन लगाते हुए उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दिलाने की बात कही थी। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री लेसी सिंह का बचाव किया है और विधायक बीमा भारती को जवाब दिया है। मुख्यमंत्री नीतश कुमार ने बीमा भारती को जवाब देते हुए कहा कि जब बीमा भारती पढ़ना भी नहीं जानती थी तब उसे मंत्री बनाया। हर किसी को तो मंत्री नहीं बना सकते हैं, उन्हें जहां जाना है जाए। एक तरह से सीएम ने अपने मंत्री पर लगे आरोपों का बचाव किया है।
बीमा भारती ने नीतीश को इस्तीफे की दी थी धमकी
बीमा भारती ने इससे पहले मंत्री लेसी सिंह पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए नीतीश कुमार को धमकी दी थी कि अगर लेसी सिंह मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देती है तो वो विधायक पद से इस्तीफा दे देगी। इस पर प्रतिक्रिया करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि पहले हम उन्हें प्रेम से समझाएंगे अगर फिर भी उनको समझ नहीं आएगा तो, फिर जो उन्हें करना हो करें। बीमा भारती ने सीएम आवास के बाहर धरने पर भी बैठने की भी धमकी दी थी।
बीमा ने लेसी सिंह पर लगाया वसूली और हत्या का आरोप
जनता दल यूनाइटेड की विधायक बीमा भारती ने लेसी सिंह पर जबरन वसूली और हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। बीमा भारती ने दागी ट्रैक रिकॉर्ड के बाद भी लेसी को तीसरी बार मंत्री बनाने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, 'सीएम के बार-बार मंत्रिमंडल में शामिल करने से लेसी सिंह का मनोबल बढ़ रहा है। वह अधिकारियों को धमकाने, रंगदारी मांगने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करती हैं। लेसी अपने विरोधियों की हत्या करवाती हैं। सीएम की करीबी होने के कारण उनके अधीन काम करने वाले अधिकारी डर के साए में रहते हैं।
एक ही जगह से आती है दोनो विधायक
बता दें कि बीमा भारती जनता दल यूनाइटेड के पहली विधायक हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। पांच बार की विधायक बीमा भारती को लेसी सिंह का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। दोनों ही पूर्णिया से हैं। इससे पहले ही राष्ट्रीय जनता दल (RJD) कोटे से कार्तिकेय सिंह को सरकार में शामिल करने और कानून मंत्री बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
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