बिहार के पूर्णिया जिले में इंफॉर्मर की सूचना पर कार्रवाही करते हुए पुलिस को एक मेडिकल शॉप पर छापेमारी में दुर्लभ प्रजाति की गेयो छिपकली बरामद हुई। मामले में एक्शन लेते हुए पुलिस ने 5 तस्करों को अरेस्ट किया। शॉप ऑनर हुआ फरार।
पूर्णिया (purnia). बिहार के पूर्णिया जिले के बयासी इलाके की एक मेडिकल शॉप में पुलिस कार्रवाही की गई। छापेमारी में पुलिस को रेयर प्रजाति की टोके गेको प्रजाति की छिपकली बरामद की गई। इसके साथ ही नशीला पदार्थयुक्त कफ सीरप भी जप्त किया गया है। छिपकली की मार्केट में कीमत करोड़ो की बताई जा रही है। इस मामले में पुलिस ने 5 तस्करों को अरेस्ट किया है। वहीं मेडिकल शॉप संचालक की तलाश जारी है। मामले की जांच बायसी पुलिस कर रही है। मामला बायसी थाने का है।
दुर्लभ प्रजाति की छिपकली होने की मिली जानाकारी
मामले की जांच कर रहे बायसी पुलिस थाने के अधीक्षक सुरेंद्र कुमार सरोज ने जानकारी देते हुए बताया कि इलाके की एक मेडिकल शॉप पर दुर्लभ प्रजाति की छिपकली का लेन देन किया जा रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने इलाके की ताज मेडिकल शॉप पर छापा मारा। जहां से पुलिस को टोके गेको प्रजाति की छिपकली के साथ नशीला पदार्थ मिली हुई खांसी के सीरप भी बरामद हुए। हालांकि पुलिस की रेड से पहले ही मेडिकल शॉप संचालक वहां से भागने में सफल हो गया। पर पुलिस ने एक तस्कर और उसके 4 सहयोगियों को अरेस्ट करने में सफलता हाथ लगी है। पुलिस शॉप ऑनर की तलाश करने में लगी है। इसके अलावा पुलिस ने गिरफ्तार किए आरोपियों के बारे में किसी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया है। आरोपियों की पहचान मो. जफर, मो. अरसद आलम के साथ दुकान मालिक को अरेस्ट कर लिया गया है।
करोड़ों में है कीमत, वन्यजीव संरक्षण एक्ट के तहत है लिस्टेड
पुलिस ने जानकारी दी कि टोके गेको छिपकली की कीमत ग्रे मार्केट में 1.5 करोड़ से लेकर 2 करोड़ तक की है। मेडिकल शॉप से इन्हें बरामद करने के बाद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को इस बारे में जानकारी देने के बाद उनके हवाले कर दिया गया है। इसके अलावा यह जीव वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अत्यधिक संकटग्रस्त जीवों की लिस्ट में रखा गया है। पुलिस को शंका है कि इसे पश्चिम बंगाल या फिर केरल से लाया गया होगा। और बाहर कहीं तस्करी की जाना थी। लेकिन पहले ही पकड़ लिया गया है।
क्यो है ये जीव इतना कीमती, नशीला कफ सीरप भी बरामद हुआ
पुलिस ने जानकारी दी कि विदेशों जैसे चाइना आदि जगहों पर इन छिपकली को गुडलक और समृद्धि के प्रतीक के तौर मानते है। इसके अलावा इस जीव का दवाई बनाने में उपयोग होता है। इसके चलते इनकी स्मगलिंग की जाती है। पुलिस ने बताया कि इसके अलावा वहां से भारी मात्रा में कफ सीरप के की शीशी (600 बोतल) बरामद की गई है, जिसमें कोडिन मिला हुआ था। पुलिस ने बताया कि कोडिन नामक नशीला पदार्थ बैन है।
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