गंगा के बढ़े जलस्तर से छठ महापर्व पर संकट के बादल, इन घाटों पर पूजा करना होगा खतरनाक

बिहार के प्रमुख महापर्व छठ पूजा की खुशियां इस बार फीकी हो सकती हैं। गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण सूबे के कई घाटों पर छठपूजा से रोक लगा दी गई है।

Ujjwal Singh | Published : Oct 25, 2022 10:37 AM IST / Updated: Oct 25 2022, 05:27 PM IST

पटना(Bihar). बिहार के प्रमुख महापर्व छठ पूजा की खुशियां इस बार फीकी हो सकती हैं। गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण सूबे के कई घाटों पर छठपूजा से रोक लगा दी गई है। छठ महापर्व के लिए घाटों के अब तक के निरीक्षण से साफ हो गया है कि बांस घाट, कलेक्ट्रेट और महेंद्रू घाट पूजा के लिए असुरक्षित हैं। इन जगहों पर इस बार छठ पूजा नहीं हो सकती है। इसके स्थान पर प्रशासन ने कम जलस्तर वाले घाटों को चिन्हित करने का फैसला लिया है।

 पटना के डीएम डा. चंद्रशेखर ने गंगा घाटों पर बैरिकेडिंग का काम शुरू कराने का निर्देश दिया है। उन्‍होंने रिवर फ्रंट के पाथवे, नाले की जाली, रेलिंग के साथ पेयजल आपूर्ति नल को दुरूस्त कराने को कहा है। जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने रविवार को कलेक्ट्रेट से दीदारगंज तक 18 किलोमीटर दूरी में करीब 60 गंगा घाटों का निरीक्षण किया था। जिसके बाद तीन घाटों पर अत्यधिक तेज बहाव व बढ़े जलस्तर को देखते हुए वहां छठपूजा न करने का फैसला लिया गया है। हांलाकि इस बारे में अभी आधिकारिक निर्णय का इंतजार है।

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रास्ते से हटेगा अतिक्रमण, खराब नल होंगे ठीक 
डीएम डा. चंद्रशेखर ने कहा कि बंसी घाट, काली घाट, पटना आलेज घाट, रानी घाट, गांधी घाट, गाय घाट, खाजेकला घाट, कंगन घाट इत्यादि घाटों पर साफ-सफाई ठीक है, लेकिन संपर्क पथ को अतिक्रमण मुक्त कराना जरूरी है। घाटों पर प्रकाश की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। जैसे-जैसे गंगा नदी का जलस्तर कम हो रहा है घाट की स्थिति सुधर रही है। 25 या 26 अक्टूबर को प्रशासन द्वारा खतरनाक घाटों की अंतिम सूची जारी की जाएगी। दीपावली गुजरने के बाद मंगलवार से छठ घाटों पर प्रशासन की गत‍िविधियां फिर से तेज होंगी। डीएम ने पाथवे पर खराब नलों को तुरंत ठीक करवाने के निर्देश दिए। 

55 सेमी अधिक रहेगा जलस्तर
गंगा का जलस्तर बीते छह दिनों में करीब 1.20 मीटर कम हुआ है। प्रति दिन औसत आठ इंच पानी घट रहा है। 24 घंटा में लगभग 20 सेंटीमीटर पानी कम हो रहा है। छठ तक कम से कम एक से सवा मीटर और कमी आने की संभावना है। डीएम ने कहा कि बीते वर्ष छठ के दिन 10 नवंबर को गंगा का जलस्तर 45.45 मीटर था। इस वर्ष छठ के दिन 55 सेंटी मीटर अधिक करीब  46.00 मीटर रहने का अनुमान है। ऐसे में पूजा के पहले ही प्रशासन खतरनाक घाटों की सूची जारी करेगा।

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