अपनी मीठी आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देने वाली स्वर कोकिला का 6 फरवरी, रविवार की सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका निधन हो गया। लता जी के निधन (Lata Mangeshkar Death) पर 2 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शनों के लिए शिवाजी पार्क में रखी जाएगी।
उज्जैन. लता मंगेशकर द्वारा गाए हज़ारों ऐसे गीत हैं, जो हर दिल में बसते हैं। फिल्मों में कमर्शियल गानों के साथ-साथ लताजी ने कई ऐसे भजन भी गाए जो आज भी दिल में भगवान के प्रति आस्था को बढ़ाते हैं। इन सभी में एक गीत ऐसा भी है जो कभी स्कूलों में प्रार्थना के रूप में गाया जाता था। यहां हम बात करे हैं साल 1957 में आई फिल्म दो आंखे बारह हाथ के गीत ए मालिक तेरे बंदे हम।
क्यों खास है ये गीत
ये गीत लिखा था भारत व्यास ने और म्यूज़िक दिया था वसंत देसाई ने। वी शांताराम की फिल्म का ये गाना आज भी हर किसी को भावुक कर देता है। लेकिन दूसरी तरफ ये गाना, किसी को भी एक अजीब सी शक्ति देता है। जब ये फिल्म परदे पर आई तो सुपरहिट साबित हुई। और लताजी के इस गीत ने हर किसी को भावुक कर दिया। कभी ये गीत स्कूलों में प्रार्थना के रूप में गाया जाता था।
ये फिल्मी गीत भी साबित हुए सुपरहिट
1. अल्लाह तेरो नाम: 1961 में आई थी फिल्म हम दोनों जिसका गीत अल्लाह तेरो नाम। लोगों ने इसे गंगा-जमुनी तहजीब का एक उदाहरण माना। हिंदू और मुस्लिम दोनों ही वर्ग के लोगों के ये गीत बहुत पसंद आया। इस गीत को लिखा था साहिर लुधियानवी ने और इसे संगीतबद्ध किया था जयदेव ने।
2. सत्यम शिवम सुंदरम: आज भी भारत में कोई धार्मिक कार्यक्रम होता है तो फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम का ये गीत जरूर बजाया जाता था। ये फिल्म 1978 में आई थी, जिसे राजकपूर ने निर्देशित किया था।
3. यशोमति मैया से: सत्यम शिवम सुंदरम का ये भक्ति गीत भगवान श्रीकृष्ण को ध्यान में रखकर लिखा गया था। लताजी ने जब ये गीत गाया तो हर कोई कृष्ण भक्ति में रम गया। इस गीत को लिखा था पं. नरेंद्र शर्मा ने।
4. एक राधा एक मीरा: ये राजकपूर द्वारा निर्देशित फिल्म राम तेरी गंगा मैली का खूबसूरत भजन है। इस गीत के माध्यम से लेखक ने श्रीकृष्ण के प्रति राधा और मीरा के प्रेम में अंतर को प्रदर्शित किया है। इस गीत को संगीतबद्ध करने के साथ ही इसे लिखा भी रवींद्र जैन ने था।
5. बड़ा नटखट है ये: भगवान कृष्ण के बचपन की अठखेलियों को दिखाते इस गाने को लता मंगेशकर ने उतनी ही चंचलता से गाया था। गाने को लिखा था आनंद बख्शी ने और इसे संगीतबद्ध किया था आर डी बर्मन ने।
6. लगान का गीत ओ पालनहारे: जावेद अख्तर के लिखे इस गीत को संगीतबद्ध किया था ए आर रहमान ने और इसे लता मंगेशकर के साथ गाया था उदित नारायण ने।
ये भी पढ़ें...
कभी इस धर्म स्थल पर था पुर्तगालियों का कब्जा, आज लोग कहते हैं “लता मंगेशकर का मंदिर”, जानिए क्यों खास है स्थान
कभी गोवा के इस मंदिर के पुजारी थे Lata Mangeshkar के दादाजी, यहीं से मिला इन्हें “मंगेशकर” उपनाम
लता मंगेशकर स्मृति शेष : पहली कमाई में मिले थे मात्र ₹25, स्टेज परफॉर्मेंस से हुई थी शुरुआत
Lata Mangeshkar का खाना पहले मजरुह सुल्तानपुरी चखते थे, इसके बाद वह खाती थी, जानिए क्यों
लता मंगेशकर के निधन की खबर ने 'आंखों में भरा पानी' राजनीति के दिग्गजों ने कुछ इस तरह किया याद