सुशांत सिंह केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा-'बिहार पुलिस के अफसर के क्वारंटीन होने से अच्छा मैसेज नहीं गया'

जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने कहा कि जब किसी हाई प्रोफाइल केस में किसी की मौत होती है, वो भी खासकर फिल्म जगत में तो हर किसी का अपना एक अलग नजरिया होता है। सुशांत टैलेंटेड कलाकार थे और उनकी मौत काफी अलग परिस्थितियों में हुई है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 5, 2020 9:39 AM IST

मुंबई. सुशांत सिंह राजपूत केस में हर दिन कोई ना कोई खुलासा हो रहा है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए CBI को मंजूरी दे दी है। दरअसल, सुशांत की मौत के मामले में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त को सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सीबीआई जांच की बिहार सरकार ने सिफारिश को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

जस्टिस ने  ऋषिकेश रॉय ने दिया आदेश 

वही, सुप्रीम कोर्ट जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने कहा कि अब तक मुंबई पुलिस ने सुशांत सिंह राजपूत केस में अप्राकृतिक मौत का केस रजिस्टर किया है। पटना में हुई एफआईआर के चलते भी कुछ मुद्दे उठे हैं। इस केस ने मीडिया का समय और ध्यान काफी खींचा है। बिहार पुलिस के एक अफसर का क्वरांटीन होने से भी अच्छा मैसेज नहीं गया है। क्या आप सही संदेश दे पा रहे हैं? कितनी सारी आंखें बिहार पुलिस, मुंबई पुलिस और कोर्ट पर नजरें गड़ाए हुए है। इन मुद्दों पर रिप्लाई फाइल कीजिए। ये सुनिश्चित कीजिए कि सारी कार्यवाई प्रोफेशनल तरीके से की जाए।

असामान्य परिस्थितियों में हुई सुशांत सिंह राजपूत की मौत: सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने कहा कि जब किसी हाई प्रोफाइल केस में किसी की मौत होती है, वो भी खासकर फिल्म जगत में तो हर किसी का अपना एक अलग नजरिया होता है। सुशांत टैलेंटेड कलाकार थे और उनकी मौत काफी अलग परिस्थितियों में हुई है। क्या इसमें कोई क्रिमिनलिटी शामिल है ये जांच का विषय है। सब इसे हाई प्रोफाइल केस के तौर पर देख रहे है, लेकिन हम कानून के हिसाब से ही चलेंगे।

मामले की जांच बिहार पुलिस के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है- सुप्रीम कोर्ट

वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस केस में FIR दर्ज करना और जांच बिहार पुलिस के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। इसे राजनीतिक केस बना दिया गया है वहीं, सुशांत के पिता ने कहा कि 'महाराष्ट्र पुलिस सबूतों को नष्ट कर रही है। ऋषिकेश रॉय की पीठ ने केस को ट्रांसफर किए जाने की मांग पर सभी पक्षों को तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा है। एक सप्ताह बाद मामले पर फिर से सुनवाई होगी। वहीं, इस मामले में रिया के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दायर की हुई पीटिशन अगले हफ्ते सुनी जाएगी। हम इस मामले में चल रही सुनवाई से संतुष्ट हैं।

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