देश में पिछले 10 साल में माफ हुआ 4.7 लाख करोड़ का किसान कर्ज, इस राज्य का प्रदर्शन रहा सबसे खराब

पिछले एक दशक में विभिन्न राज्यों ने कुल 4.7 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किये हैं यह उद्योग जगत से संबंधित गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का 82 प्रतिशत है

Asianet News Hindi | Published : Jan 13, 2020 5:52 AM IST

मुंबई: पिछले एक दशक में विभिन्न राज्यों ने कुल 4.7 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किये हैं। यह उद्योग जगत से संबंधित गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का 82 प्रतिशत है। एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गयी है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, कृषि ऋण का एनपीए 2018-19 में बढ़कर 1.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। 

यह कुल 8.79 लाख करोड़ रुपये के एनपीए का 12.4 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2015-16 में कुल एनपीए 5.66 लाख करोड़ रुपये था और इसमें कृषि ऋण की हिस्सेदारी 8.6 प्रतिशत यानी 48,800 करोड़ रुपये थी।

Latest Videos

उद्योग जगत के एनपीए का 82 प्रतिशत है

रिपोर्ट में कहा गया, ''वित्त वर्ष 2018-19 में कुल एनपीए में कृषि क्षेत्र का हिस्सा महज 1.1 लाख करोड़ रुपये यानी 12.4 प्रतिशत का ही है, लेकिन यदि हम पिछले दशक में 3.14 लाख करोड़ रुपये के माफ किये गये कृषि ऋण को जोड़ें तो खजाने पर इनका बोझ 4.2 लाख करोड़ रुपये हो जाता है। यदि महाराष्ट्र में 45-51 हजार करोड़ रुपये की हालिया ऋण माफी को जोड़ दें तो यह और बढ़कर 4.7 लाख करोड़ रुपये हो जाता है, जो उद्योग जगत के एनपीए का 82 प्रतिशत है।''

वित्त वर्ष 2014-15 के बाद 10 बड़े राज्यों ने 3,00,240 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किये हैं। यदि मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2007-08 में की गयी ऋण माफी को जोड़ दें तो यह बढ़कर करीब चार लाख करोड़ रुपये हो जाता है। इसमें दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के कृषि ऋण 2017 के बाद माफ किये गये।

कागजों पर ही अधिक हुई कर्जमाफी

आंध्र प्रदेश ने 2014-15 में 24 हजार करोड़ रुपये के कृषि ऋण को माफ किया। इसी दौरान तेलंगाना ने भी 17 हजार करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की। तमिलनाडु ने 2016-17 में 5,280 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किये। वित्त वर्ष 2017-18 में महाराष्ट्र ने 34,020 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश ने 36,360 करोड़ रुपये, पंजाब ने 10 हजार करोड़ रुपये, कर्नाटक ने 18 हजार करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ किये। कर्नाटक ने इसके बाद 2018-19 में 44 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी दी।

वित्त वर्ष 2018-19 में राजस्थान ने 18 हजार करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश ने 36,500 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ ने 6,100 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र ने 45-51 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी की। हालांकि ये कर्जमाफियां धरातल के बजाय कागजों पर ही अधिक हुई हैं। इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक कर्ज माफ नहीं किये जा सके हैं। सबसे खराब प्रदर्शन मध्य प्रदेश का रहा है। मध्य प्रदेश में महज 10 प्रतिशत कर्ज माफ किये गये हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन है संजय शिदें? बदलापुर कांड के आरोपी को दी मौत, दाऊद के भाई को किया था अरेस्ट । Badlapur
Shocking Video: उत्तराखंड में दरका पहाड़ और बंद हो गया हाईवे #Shorts
कौन थी महालक्ष्मीः हेमंत से शादी-अशरफ से दोस्ती, नतीजा- बॉडी के 40 टुकड़े । Bengaluru Mahalakshmi
आखिर क्यों 32 दिन में दोबारा जेलेंस्की से मिले PM Modi, सामने आया बड़ा प्लान
दारोगा की घूस में निपट गए दीवानजी, घसीटते ले गई टीम #Shorts