कोरोना ने अमेरिका में मचाई है तबाही, 1 महीने में गईं 2.05 करोड़ नौकरियां; बेरोजगारी चरम पर

कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के चलते एक तरफ जहां बड़ी संख्या में लोगों की जानें जा रही हैं, वहीं बड़े पैमाने पर रोजगार का संकट छा गया है। कोरोना महामारी से पूरी दुनिया आर्थिक महामंदी की चपेट में आ गई है। 

बिजनेस डेस्क। कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के चलते एक तरफ जहां बड़ी संख्या में लोगों की जानें जा रही हैं, वहीं बड़े पैमाने पर रोजगार का संकट छा गया है। दुनिया भर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 41 लाख, 1 हजार, 641 हो गई है, वहीं इससे अब तक 2 लाख, 80 हजार, 435 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में कोरोना का कहर सबसे ज्यादा है। यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 13 लाख, 47 हजार, 309 हो गई है और 80 हजार से ज्यादा लोग मौत के शिकार हो चुके हैं। कोरोना महामारी से लोगों का जीवन तो संकट में है ही, इससे पूरी दुनिया आर्थिक महामंदी की चपेट में आ गई है। कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां जा रही हैं। 

अप्रैल में गई 2.05 करोड़ नौकरियां
सिर्फ अप्रैल महीने में कोराना महामारी की वजह से 2.05 करोड़ अमेरिकी नागरिकों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी। दुनिया के सुपर पावर माने जाने वाले इस देश में पिछले 10 सालों में 2.28 करोड़ लोगों को नौकरियां मिली थीं, जिनमें 90 फीसदी महीने भर के भीतर चली गईं।

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बेरोजगारी दर 14.7 फीसदी
कोरोना महामारी की वजह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था बदहाल हो चुकी है। अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट के मुताबिक, देश में बेरोजगारी की दर बड़ कर 14.7 फीसदी हो गई है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि आने वाले दिनों में अमेरिका समेत दुनिया के ज्यादातर देशों में बोरोजगारी चरम पर पहुंच जाएगी। उनका कहना है कि 1929 की महामंदी जैसे हालात बन सकते हैं। सिर्फ अप्रैल महीने में जितनी बेरोजगारी बढ़ी है, उसने अक्टूबर 2009 में आई वैश्विक मंदी को पीछे छोड़ दिया है।

महिलाओं और अश्वेतों की ज्यादा गईं नौकरियां
कोरोना महामारी की वजह से जिनकी नौकरियां गई हैं, उनमें महिलाओं और अश्वेतों की संख्या सबसे ज्यादा है। छंटनी के सबसे पहले शिकार ये ही हुए हैं। अप्रैल महीने में जहां 1.04 पुरुषों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी, वहीं 1.19 करोड़ महिलाएं बेरोजगारी की शिकार हुईं। इस साल फरवरी में महिलाओं में बेरोजगारी दर 3.4 प्रतिशत थी, जो बढ़ कर 16.2 प्रतिशत हो गई। वहीं, पुरुषों में बेरोजगारी दर 3.6 प्रतिशत से बढ़ कर 13.5 प्रतिशत हो गई है। अमेरिका में अश्वेतों में बेरोजगारी दर 16.7 फीसदी पर पहुंच गई है, जो फरवरी की तुलना में 3 गुना ज्यादा है। बता दें कि 1929 की महामंदी के दौर में अमेरिका में बेरोजगारी दर 25 फीसदी हो गई थी, जिसका मतलब यह है कि हर चौथा अमेरिकी बेरोजगार था। 

राहत पैकेज
इस बीच, डेमोक्रेटिक सीनेटर चक शुमर ने कहा है कि कोरोना की वजह से पैदा हुए इस हालात से निपटने के लिए राहत पैकेज की जरूरत है, जिसे उन्होंने रूजवेल्टियन स्टाइल पैकेज का नाम दिया है, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ट ड्रम्प ने कहा है कि सरकार किसी भी तरह के वित्तीय राहत पैकेज को लेकर जल्दबाजी में कदम नहीं उठाएगी। 

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