खाड़ी देशों में भीषण युद्ध का खतरा, एक्सपर्ट की राय में कच्चे तेल की कीमतें तय करेंगी शेयर मार्केट की चाल

देश के शेयर बाजारों पर नये साल के दूसरे कारोबारी सप्ताह में पश्चिम एशिया के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों का असर रहेगा

नई दिल्ली: देश के शेयर बाजारों पर नये साल के दूसरे कारोबारी सप्ताह में पश्चिम एशिया के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों का असर रहेगा। विश्लेषकों का कहना है कि इसमें होने वाले घटनाक्रमों से ही बाजार की दिशा तय होगी। कच्चे तेल की कीमतें और रुपये का उतार-चढ़ाव बाजार पर असर डालेगा।

इराक में हुये अमेरिकी ड्रोन हमले में शुक्रवार को ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद वैश्विक बाजारों में गिरावट का रुख है। इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका है। विश्व नेता जहां इस घटनाक्रम से चिंतित हैं वहीं ईरान ने अमेरिकी हमले के जवाब में कार्रवाई की धमकी दी है। 

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उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को आगाह किया कि यदि ईरान बदले की कार्रवाई करता है, तो अमेरिका इसका ऐसा जवाब देगा, जैसा उसने पहले कभी नहीं देखा होगा।

जवाबी कार्रवाई से बाजार में उतार-चढ़ाव

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ''निकट भविष्य में ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई से बाजार में उतार-चढ़ाव का जोखिम है। हालांकि, कई सकारात्मक पहलू भी हैं जिनपर बाजार का ध्यान रहेगा। अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के करार पर दस्तखत होने हैं। वहीं दिसंबर के तिमाही नतीजों और आम बजट से पहले के घटनाक्रमों से बाजार में तेजी का रुख बन सकता है।''

वृहद आर्थिक मोर्चे पर सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े इसी सप्ताह आने हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''बाजार नयी ऊंचाई पर है। भू राजनीतिक तनाव की वजह से निवेशक मुनाफावसूली कर सकते हैं। ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की स्थिति में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आ सकता है।''

कच्चे तेल की कीमतों और रुपये पर निवेशकों की निगाह

विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों की निगाह ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों और रुपये के उतार-चढ़ाव पर रहेगी। ट्रेडिंगबेल्स के वरिष्ठ विश्लेषक संतोष मीणा ने कहा कि ''पश्चिम एशिया में तनाव की वजह से कच्चा तेल और रुपया दबाव में आ सकता है। इस सप्ताह बाजार की दिशा इन्हीं से तय होगी। घेरलू मोर्चे पर इस सप्ताह से चौथी तिमाही के नतीजे आने लगेंगे। इन्फोसिस का तिमाही नतीजा शुक्रवार को आएगा।''

शुक्रवार को ब्रेंट कच्चा तेल 4.4 प्रतिशत चढ़कर 69.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं उस दिन रुपया 42 पैसे टूटकर डेढ़ माह के निचले स्तर 71.80 प्रति डॉलर पर आ गया।

बीते सप्ताह उतार चढ़ाव के बाद बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स अंत में 110.53 अंक या 0.26 प्रतिशत नीचे रहा।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)
 

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