बढ़ती महंगाई के बीच PF एम्पलॉई को झटकाः 2021-22 के लिए PF डिपोजिट पर रेट ऑफ इंट्रेस्ट 40 साल में सबसे कम

भारत सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफओ (EPFO) खाते में जमा राशि पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। ईपीएफओ कार्यालय से यह आदेश शुक्रवार को जारी किया गया है। 

Moin Azad | Published : Jun 3, 2022 1:29 PM IST / Updated: Jun 04 2022, 12:11 PM IST

नई दिल्ली। कर्मचारियों के ईपीएफ (EPF) खाते में जमा राशि पर वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए इंट्रेस्ट रेट 8.1 प्रतिशत रहेगा। सरकार ने इस ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। ईपीएफओ कार्यालय से यह आदेश शुक्रवार को जारी किया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO Interest Rate) का वित्‍तवर्ष 2022 के लिए PF पर मिलने वाली ब्‍याज दर 40 साल में सबसे कम यानी 8.1 प्रतिशत है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी और EPFO की फाइनांस इन्वेस्टमेंट और ऑडिट कमेटी से चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है।

पत्र जारी कर दी जानकारी
ईपीएफओ ने इस बारे में एक पत्र जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि ब्याज का रुपया जल्द ही अकाउंट में क्रेडिट भी कर दिया जाएगा। बता दें कि ब्याज दर कम नहीं हो और करोड़ों सब्सक्राइबर्स को बेहतर ब्याज दर (EPFO Interest Rate) मिले इसलिए EPFO अपनी इक्विटी निवेश की सीमा को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने जा रहा है। EPFO के इस कदम से करोड़ों सब्सक्राइबर्स को आने वाले समय में फायदा मिलने की उम्मीद है। अभी EPFO की 15% इक्विटी में तो बाकी रकम Debt में निवेश होती है लेकिन स्टेप बाय स्टेप 15 से 20 परसेंट और फिर 20 से 25 परसेंट की निवेश सीमा EPFO तय करने जा रहा है।

काफी कम है ब्याज दर
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EFPO) ने 2021-22 के वित्तीय वर्ष के लिए कर्मचारियों के PF फंड पर ब्याज दर को चार दशक के निचले स्तर 8.1% पर घटा दिया था, जो पिछले वर्ष में 8.5 प्रतिशत था। यह 1977-78 के बाद से कर्मचारियों द्वारा अपने रिटायरमेंट फंड में जमा की गई सबसे कम ब्याज दर है। उस वर्ष कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8% थी।

फाइनांशियल ईयर (FY) में ब्याज दर

ऐसे होता है ब्याज का कैलकुलेशन
बता दें कि ईपीएफओ अपने एनुअल एक्रुअल्स का 85 प्रतिशत सरकारी सिक्योरिटीज और बांड्स सहित डेबिट उपकरणों में और 15 प्रतिशत ईटीएफ के माध्यम से इक्विटी में निवेश करता है। डेबिट और इक्विटी दोनों से होने वाली आय का उपयोग ब्याज भुगतान की गणना के लिए किया जाता है। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में मासिक आधार पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 24 प्रतिशत योगदान करते हैं। एक बार जब किसी वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज दर अधिसूचित हो जाती है। और चालू वर्ष समाप्त हो जाता है, तो ईपीएफओ मंथली वाइज समापन शेष और फिर पूरे वर्ष के लिए ब्याज की गणना करता है। भविष्य निधि के कर्मचारी शेयर और नियोक्ता शेयर के लिए ब्याज की गणना अलग से की जाती है। खाता के निष्क्रिय होने की तिथि से सदस्यों के खाते में कोई ब्याज जमा नहीं किया जाता है। 

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