कोरोना वायरस से जंग : GST रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 30 जून तक बढ़ाई गई

पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर कोई विलंब शुल्क, जुर्माना अथवा ब्याज नहीं लिया जायेगा।

Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2020 4:08 PM IST

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कारोबारियों के लिये मार्च- मई की जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून 2020 कर दी है।

15 दिने के भीतर GST दाखिल करने पर नहीं लगेगा जुर्माना

उन्होंने यह भी कहा कि पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर कोई विलंब शुल्क, जुर्माना अथवा ब्याज नहीं लिया जायेगा। सीतारमण ने मंगलवार को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये संवाददताओं को संबोधित करते हुये यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि पांच करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों के मामले में 15 दिन के भीतर जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर कोई विलंब शुल्क और जुर्माना नहीं लिया जायेगा। ऐसे मामलों में देरी होने पर 9 प्रतिशत की घटी दर पर ब्याज लगाया जायेगा।

आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 30 जुन तक बढ़ा दिया गया है

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले जो भी वैधानिक और नियामकीय अनुपालन संबंधी दिक्कतें हैं सरकार की तरफ से उन्हें दूर करने के कदम उठाये गये हैं। वर्ष 2018- 19 की आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम समय सीमा को 30 जून तक बढ़ा दिया गया है। देरी से रिटर्न दाखिल करने के मामले में विलंब शुल्क को 12 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत किया गया है। इसी प्रकार कारोबारियों के लिये स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) को 30 जून 2020 तक जमा कराने पर 9 प्रतिशत की घटी दर से विलंब शुल्क लिया जायेगा। इसमें किसी प्रकार की समयसीमा नहीं बढ़ाई गई है लेकिन देरी से जमा पर ब्याज दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत किया गया है

कंपनियों की बोर्ड मीटिंग में 6 माह की राहत

कारपोरेट कार्य मंत्रालय से जुड़े कंपनियों के विभिन्न वैधानिक अनुपालन की तिथियों को भी 30 जून 2020 तक आगे बढ़ा दिया गया है। अपील दायर करने, नोटिस जारी करने तथा अन्य अनुपालनों की समयसीमा बढ़ाई गई है। कंपनियों की बोर्ड मीटिंग करने की अनिवार्यता में भी छह माह की राहत दी गई है। नई कंपनियों को कारोबार शुरू करने की जानकारी छह माह में देनी होती है, उन्हें इसके लिये छह माह का और समय दिया गया है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)

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