कैसे होगा डिजिटल रुपया से ट्रांजेक्‍शन? UPI पेमेंट से कितना होगा अलग? जानिए यहां

सरकार की ओर से जल्द ही एक डिजिटल रुपया लॉन्च (Digital Rupee Launch) करने के अपने प्रस्ताव की घोषणा के साथ, यह जिज्ञासा बढ़ गई है कि इससे ट्रांजेक्‍शन (How to transaction with Digital Rupee) कैसे होगा? क्या यह UPI Payments से अलग होगा या इससे मिलता-जुलता होगा?

 

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2022 11:28 AM IST

बिजनेस डेस्‍क। जब से फाइनेंस म‍िनिस्‍टर निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अगले वित्तीय वर्ष से भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डिजिटल रुपए CBDC की घोषणा की है, तब से इस बात की चर्चा शुरू हो गई है यह क्या है और यह कैसे काम करेगा? वैसे CBDC (Central Bank Digital Currency) किसी भी देश का लीगल टेंडर है जिसे सेंट्रल बैंक की ओर से डिजिटल फॉर्म में जारी किया जाता है। सरकार की ओर से जल्द ही एक डिजिटल रुपया लॉन्च करने के अपने प्रस्ताव की घोषणा के साथ, यह जिज्ञासा बढ़ गई है कि इससे ट्रांजेक्‍शन कैसे होगा? क्या यह UPI Payments से अलग होगा या इससे मिलता-जुलता होगा? क्या यह मनी ट्रांसफर जैसा होगा? हालांकि सरकार ने अभी तक तौर-तरीकों का खुलासा नहीं किया है। आइए एक्‍सपर्ट के हवाले से बात करते हैं कि भविष्‍य में कैसे सामने आ सकता है।

ब्‍लॉकचेन के उपयोग से आएगा डिजिटल रुपया

टेक्नोलोडर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ विपिन कुमार ने कहा कि ब्लॉकचेन का उपयोग करके एक डिजिटल रुपया लॉन्च करना सरकार के लिए कठिन काम नहीं होगा। विपिन कुमार ने कहा भारत में लोग यूपीआई आईडी और बार कोड के रूप में डिजिटल ट्रांजेक्‍शन या पेमेंट कर रहे हैं। मौजूदा समय में बहुत से लोग डिजिटल ट्रांजेक्‍शन को ही ज्‍यादा तवज्‍जों दे रहे हैं। यदि सरकार ब्लॉकचेन का उपयोग करके डिजिटल रुपया लॉन्च करने की योजना बना रही है, इसे अपनाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। सरकार को टेक पार्ट को थोड़ा रिन्‍यु करना होगा। सिर्फ मोबाइल एप्लिकेशन को अपडेट करने की जरुरत होगी और UPI आईडी वॉलेट अड्रेस साथ रिप्‍लेस करने की आवश्यकता है क्योंकि ब्लॉकचेन वॉलेट अड्रेस पर काम करता है।

आसानी से हो सकेगा ट्रांजेक्‍शन

ब्लॉकचेन तकनीक से निर्मित डिजिटल करेंसी को अन्य क्रिप्टो एसेट्स की तरह एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे में ट्रांसफर किया जाएगा। बिट्सएयर एक्सचेंज के फाउंडर कुणाल जगदाले के अनुसार पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्राप्तकर्ता के वॉलेट अड्रेस में पंच करना होगा। यह आज के यूपीआई ट्रांजेक्‍शन जितना ही बेहतर होगा, जहां पैसे का मूल्य किसी के वॉलेट या बैंक अकाउंट से दूसरे में ट्रांसफर किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमें डिजिटल रुपए पर एसओपी का इंतजार करना चाहिए जिसमें इसे लॉन्च किया जाएगा।

टाइम जोन के अंतर को कम करेगा

डिजिटल करेंसी या रुपए के माध्यम से पेमेंट रियल टाइम पर होगी और भारतीय बिना किसी बिचौलिए के अपनी करेंसी में विदेशों में पेमेंट कर सकते हैं। यह दुनिया भर में टाइम जोन के अंतर को खत्म कर देगा। कुणाल जगदाले ने कहा कि जैसे-जैसे डिजिटल रुपए का उपयोग बढ़ेगा, इससे क्रॉस बॉर्डर रेमिटेंस जैसी चीजों को भी फायदा हो सकता है। सरकार ने साफ कर दिया है कि डिजिटल करेंसी को कैश के बराबर एक्सचेंज किया जा सकेगा। सीबीडीसी का उपयोग करके भुगतान वित्तीय प्रणाली में निपटान जोखिम और अंतरबैंक निपटान की आवश्यकता को कम करेगा।

 

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